क्रॉसिंग का फाटक टूटा तब भी ट्रेनें नहीं होंगी लेट, रेलवे ने की यह व्‍यवस्‍था

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हल्द्वानी : रेलवे क्रॉसिंग का फाटक टूटने से अतिरिक्त व्यवस्था करके ट्रेन पास करानी होती है। व्यवस्था में अधिक समय लगने से ट्रेन लेट हो जाती है, जिसका खामियाजा सभी यात्रियों को भुगतना पड़ता है। ऐसे में अब स्लाइडिंग बूम की व्यवस्था रेलवे क्रॉसिंग पर की जा रही है। जिसके माध्यम से आसान तरीके से रेलवे ने क्रॉसिंग पर वैकल्पिक गेट की व्यवस्था दी है। जिसमें समय कम लगने से ट्रेन लेट नहीं होगी।

रेलवे के इज्जतनगर मंडल की ओर से निर्बाध व्यवस्था के लिए स्लाइडिंग बूम रेलवे फाटक लगाए जा रहे हैं। उन्नत तकनीकि वाले स्लाइडिंग बूम के सिग्नल युक्त रेलवे फाटक समय की बचत करते हैं। जिससे खराब रेलवे क्रासिंग फाटक समस्या नहीं बन पाते हैं। इस तरह ट्रेनें बिना रुकावट के चलती रहती है। इज्जतनगर मंडल के कुल 495 मानवयुक्त समपारों में से 233 रेल फाटकों को इण्टरलॉक यानि कि सिग्नल युक्त किया जा चुका है। जिसमें से 213 फाटकों पर स्लाइडिंग बूम लगाने का कार्य पूरा कर लिया गया है। इज्जतनगर मंडल के जनसंपर्क अधिकारी राजेंद्र सिंह ने बताया कि वर्तमान वित्त वर्ष में 17 मानवयुक्त समपारों पर स्लाइडिंग बूम लगाने की योजना है।

इस तरह कार्य करता है स्लाइडिंग बूम

रेलवे फाटक पर लगाए गए स्लाइडिंग बूम तकनीकि आधारित प्रणाली है। किसी वाहन के टक्कर या अन्य कारण से यदि रेलवे फाटक क्षतिग्रस्त हो जाता है तो जंजीर बांधकर वाहनों को रोकने का प्रयास किया जा जाता है। ऐसी स्थिति में रेल गाडिय़ों को अत्यंत धीमी गति से चलाया जाता है। वहीं मेन लेबल क्रासिंग फाटक के क्रियाशील न होने की स्थिति में स्लाइडिंग बूम लेबल क्रॉसिंग गेट के रूप में कार्य करता है। फलस्वरूप ट्रेनों का विलंबन नहीं होता है। इस प्रणाली में लेबल क्रासिंग फाटक के क्षतिग्रस्त होने पर रिपेयरिंग हेतु समय मिल जाता है। जिससे कर्मचारियों पर कार्य का दबाव कम हो जाता है।

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