नैनीताल : हरिद्वार जिले की खानपुर विधानसभा सीट से विधायक उमेश शर्मा को नैनीताल हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने विधायक उमेश शर्मा के अपने नामांकन पत्र में संलग्न शपथ पत्र में संज्ञेय आपराधिक मुकदमों की जानकारी नहीं देने और उनका नामांकन पत्र स्वीकार करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई करने व चुनाव आयोग को निर्देशित किये जाने को लेकर दायर याचिका पर अपना महत्वपूर्ण निर्णय सुना दिया है।
वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने याचिका को पोषणीयता के आधार पर निरस्त कर दिया है। कोर्ट ने 28 अप्रैल को सुनवाई पूरी कर निर्णय सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट के आदेश से विधायक को बड़ी राहत मिली है।
हरिद्वार निवासी रवींद्र सिंह पनियाला ने याचिका दायर कर कहा था कि निर्दलीय विधायक उमेश शर्मा ने निर्वाचन से पूर्व 2021 में अपने ऊपर दर्ज मुकदमों की सुनवाई हेतु सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी । जिसमें उमेश शर्मा ने दुराचार व अन्य मामलों का उल्लेख करते हुए कहा कि इनकी सुनवाई अन्य न्यायालयों से स्थानांतरित कर सुप्रीम कोर्ट में सुनी जाए, किन्तु सुप्रीम कोर्ट ने 16 अक्टूबर 2021 को उमेश शर्मा की यह ट्रांसफर याचिका खारिज कर दी थी।
उमेश शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में दिए गए मुकदमों की सूची की जानकारी 27 जनवरी को खानपुर विधान सभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में दाखिल नामांकन पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्र में नहीं दी और निर्वाचन अधिकारी ने भी उनका नामांकन पत्र जांच के बाद वैध घोषित कर दिया। याचिका में इन अधिकारियों पर कार्रवाई किये जाने के लिए निर्वाचन आयोग को निर्देश दिए जाने की याचना की गई थी।