गंगा में खनन पर हाईकोर्ट नैनीताल सख्त, 3 सप्ताह में नेशनल मिशन ऑफ क्लीन गंगा से जवाब मांगा

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हाईकोर्ट ने हरिद्वार में रायवाला से भोगपुर के बीच गंगा में खनन के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने नेशनल मिशन ऑफ क्लीन गंगा से तीन सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है।

मामले के अनुसार, मातृसदन हरिद्वार की ओर से जनहित याचिका दायर कर कहा गया है कि हरिद्वार में रायवाला से भोगपुर के बीच गंगा में नियमों को ताक पर रखकर धड़ल्ले से खनन किया जा रहा है। जिससे गंगा के अस्तित्व को खतरा बना हुआ है। गंगा में खनन करने वाले तत्व नेशनल मिशन क्लीन गंगा को पलीता लगा रहे हैं।

यह भी कहना है कि केंद्र सरकार ने गंगा को बचाने के लिए एनएमसी बोर्ड गठित किया। इस बोर्ड का मुख्य उद्देश्य गंगा को साफ करना एवं उसके अस्तित्व को बचाए रखना है। एनएमसी द्वारा राज्य सरकार को कई बार आदेश दिए गए कि यहां खनन कार्य न किया जाए। लेकिन यहां लगातार खनन कार्य कराया जा रहा है। यूएन ने भी भारत सरकार से पूछा था कि गंगा को बचाने के लिए क्या-क्या कदम उठाए जा रहे हैं।

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