हल्द्वानी: गौला में इस बार उपखनिज निकासी की रफ्तार सुस्त है। खनन सत्र शुरू हुए तीन माह हो चुके हैं। लेकिन अभी तक 13 लाख घनमीटर उपखनिज नदी से निकल सका। संभावना है कि इस बार 40 लाख घनमीटर के आसपास लक्ष्य निर्धारित होगा। ऐसे में 31 मई तक टारगेट पूरा करना मुश्किल हो सकता है। क्योंकि, होली के दौरान बड़ी संख्या में गौला के मजदूर घर को निकल जाते हैं। इस स्थिति में राजस्व को भी नुकसान पहुंचेगा।
15 नवंबर के बाद से गौला में निकासी शुरू हो गई थी। शुरुआत में कुछ दिन क्रशर संचालकों द्वारा एडवांस रायल्टी जमा नहीं की गई थी। जिस वजह से आरबीएम नहीं निकाला जा सका। इसके बाद भाड़े को लेकर विवाद खड़ा हो गया। कम किराया देने के विवाद ने तूल पकड़ा तो वाहनस्वामी हड़ताल पर चले गए। दूसरी तरफ क्रशर संचालकों ने भी उपखनिज की बिक्री और खरीद बंद कर दी।
इस विवाद का हल निकला तो गौला सुचारू रूप से चलने लग गई। इसके बाद चुनाव का दौर शुरू हुआ तो गाडिय़ों की संख्या थोड़ा और कम हो गई। दो दिन बाद गौला आज यानी बुधवार से खुलने जा रही है। ऐसे में वन निगम भी जानता है कि अगर केंद्रीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान ने इस बार 40 लाख घनमीटर के आसपास लक्ष्य निर्धारित कर दिया तो लक्ष्य पूरा करने में काफी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।
कोरोना का हवाला देकर बढ़ा था समय
गौला के इतिहास में पहली बार पिछले सत्र में समय बढ़ाया गया था। कोरोना की दूसरी लहर के कारण पिछले साल कई दिनों तक नदी बंद रही थी। जिसके बाद केंद्रीय वन एवं पर्यावरण से अनुमति मिलने पर जून में भी निकासी हुई थी।