गौला पुल की मरम्मत के लिए एनएचएआइ को नदी का उपखनिज चाहिए

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हल्द्वानी : गौला पुल की मरम्मत के लिए एनएचएआइ को नदी में जमा उपखनिज चाहिए। इसके लिए डीएम को पत्र भेज उपखनिज निकालने व उसके इस्तेमाल की परमिशन मांगी गई है। एनएचएआइ के मुताबिक बाहर से निर्माण सामग्री मंगवा काम करवाने में दिक्कत आएगी। क्योंकि, काफी गहराई से मरम्मत का काम शुरू होगा। डीएम से अनुमति मिलने और गौला में पानी कम होते ही संपर्क मार्ग बनना शुरू हो जाएगा।

पहाड़ पर लगातार हो रही बारिश की वजह से मंगलवार सुबह इंदिरानगर बाइपास स्थित गौला पुल का संपर्क मार्ग नदी में समा गया। करीब 30 मीटर लंबी, 12 मीटर चौड़ी सड़क गायब हुई है। जिसकी नदी में गहराई 25 मीटर है। जिसके बाद से पुलिस-प्रशासन ने पुल को बंद करवा दिया गया। लगातार पुल को देखने पहुंच रही भीड़ को रोकने के लिए पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। उसके बावजूद फोटो-वीडियो बनाने वालों को समझाना मुश्किल हो रहा है। 2008 में जब पुल गिरा तो इसका पुन: निर्माण लोक निर्माण विभाग ने करवाया था।

मगर अब तीनपानी से लेकर काठगोदाम तक की सड़क एनएचएआइ को ट्रांसफर हो चुकी है। यह सड़क रामपुर टू काठगोदाम हाइवे चौड़ीकरण प्रोजेक्ट का हिस्सा है। इसलिए एनएचएआइ को पुल की मरम्मत करनी है। प्रोजेक्ट योगेंद्र शर्मा ने बताया कि डीएम को पत्र भेज परमिशन मांगी गई है कि नदी में मौजूद उपखनिज का इस्तेमाल करने दिया जाए। इससे काम जल्दी हो सकेगा। काम शुरू होने के 15 दिन के भीतर यातायात चालू करने का पूरा प्रयास होगा। बशर्ते मौसम साथ दे।

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