हल्द्वानी : इंदिरानगर बाइपास स्थित गौला के नए पुल की सड़क भारी बारिश की वजह से गायब हो गई। गौलापार व चोरगलिया के हजारों लोगों के अलावा खटीमा व उत्तर प्रदेश की गाडिय़ां तक इससे होकर गुजरती थी। पुल का बड़ा हिस्सा गायब होने की वजह से फिलहाल पुलिस-प्रशासन ने बैरिकेड लगा रास्ते को बंद कर दिया है। सिटी मजिस्ट्रेट व तहसीलदार ने मौके पर पहुंच स्थिति का जायजा भी लिया।
गौला पुल की सुरक्षा को लेकर अक्सर सवाल खड़े होते रहे। अवैध खनन की वजह से इसके पिलरों को हमेशा खतरा रहा है। कई बार पुल की सुरक्षा का मामला उठ चुका है। मगर जिम्मेदारों ने कभी सुध नहीं ली। अफसरों ने केवल निरीक्षण कर अपनी जिम्मेदारी को पूरा कर लिया। वहीं, रविवार रात से पहाड़ से लेकर हल्द्वानी तक बारिश का कहर जारी था। गौला का जलस्तर अपने सारे रिकार्ड तोड़ चुका है। इधर, मंगलवार सुबह गौला पुल की एप्रोच सड़क ही गायब हो गई। इस दौरान पुल के दूसरी तरफ से आ रहे लोगों को पुलिस व स्थानीय निवासियों ने चिल्ला-चिल्लाकर बड़ी मुश्किल से रोका। फिलहाल आवाजाही बंद कर दी गई है।
13 साल बाद फिर संकट
गौला पुल को पहले उत्तर प्रदेश निर्माण निगम ने बनाया था। तब इसकी लागत साढ़े नौ करोड़ थी। जुलाई 2008 में यह पुल टूट गया था। तब इसके पिलर ही गायब हो गए थे। उसके बाद कंस्ट्रक्शन कंपनी वुडहिल इंफ्रास्टकचर लिमिटेड ने इसे बनाया। तीन चरण में कुल 19.77 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। पुल की कुल लंबाई 364.76 है। लेकिन 13 साल बाद ही पुल की सड़क टूटने से एक फिर से हजारों लोगों के सामने संकट खड़ा हो गया है।