हल्द्वानी : गौला से जुड़े वाहनस्वामियों में हड़ताल को लेकर एक राय नहीं बन पाई। इसलिए पहले दिन ही हड़ताल को लेकर फूट पड़ गई। शीशमहल गेट पर सुबह बड़ी संख्या में गाडिय़ां निकासी को पहुंच गई। वाहनस्वामियों का कहना था कि सगठनों की तरफ से उन्हें कोई पूर्व सूचना नहीं मिली थी। जिसके चलते वो लोग निकासी को पहुंच गए। वहीं, दोपहर तक गौला के सभी 13 निकासी गेटों की स्थिति साफ हो जाएगी। गौला 12 नवंबर को चुगान के लिए खुली थी। लेकिन अधिकांश गेटों पानी भरने की वजह से गाडिय़ां पांच दिन तक नदी में नहीं गई। वहीं, पिछले तीन दिन से वाहनस्वामियों और क्रशर संचालकों के बीच रेट को लेकर विवाद चल रहा था। डंपर एसोसिएशन और गौला संघर्ष समिति का कहना था कि डीजल के दाम पिछली बार की बजाय ज्यादा है।
वहीं, इस बार अच्छी मात्रा में बारिश होने के कारण उपखनिज की क्वालिटी भी बेहतर है। इसलिए रेट बढ़ाने चाहिए। लेकिन क्रशर संचालकों ने पिछले सत्र की तुलना में उपखनिज ढुलान का भाड़ा और कम दिया। जिस वजह से विवाद बढ़ गया। और डंपर एसोसिएशन और गौला संघर्ष समिति ने गुरुवार से सभी गेटों को बंद रखने का ऐलान कर दिया। लेकिन शीशमहल गेट पर सुबह गाडिय़ां निकासी के लिए पहुंच गई। वाहनस्वामी राजेंद्र बिष्ट ने बताया कि उनके गेट पर किसी भी वाहनस्वामी को कोई पूर्व सूचना नहीं थी। इधर, डीएलएम गौला वाइके श्रीवास्तव ने बताया कि एक बजे बाद हड़ताल की स्थिति पूरी तरह साफ हो जाएगी। यानी साफ हो जाएगा कि कितने वाहनस्वामी विरोध और समर्थन में थे।