हल्द्वानी के सुशीला तिवारी हॉस्पिटल में लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट लगाने के नाम पर बड़ा गोलमाल सामने आया है। ठेकेदार ने 65 लाख रुपये लेकर अस्पताल में 20 किलोलीटर क्षमता वाला पुराना प्लांट लगा दिया। एसटीएच प्रबंधन के ऐतराज के बाद अस्पताल से प्लांट हटाया गया। सांसद अजय भट्ट ने डीएम नैनीताल को मामले की जांच के आदेश दिए हैं। एसटीएच प्रबंधन प्लांट के लिए दोबारा टेंडर कराएगा। सुशीला तिवारी हॉस्पिटल में कोरोना मरीजों को ऑक्सीजन देने के लिए जिला प्रशासन ने आपदा मद से 65 लाख रुपये का बजट मंजूर किया था। इस रकम से गत पांच मई से अस्पताल में लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट लगाने का काम शुरू कर दिया गया। लाखों रुपये खर्च कर दो टैंकों का बेस बनाने के साथ ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए गए। सांसद भट्ट भी प्लांट के निरीक्षण को पहुंचे।
बाद में सांसद को प्लांट में पुराने उपकरण लगे होने की शिकायत मिली। बताया गया कि अस्पताल में नए प्लांट के नाम पर पुराने टैंक फिट कर दिए गए हैं। मामले में एसटीएच प्रबंधन ने भी ऐतराज किया तो सात जून को प्लांट हटा दिया गया। हालांकि इस प्रकरण पर अब एसटीएच प्रबंधन के साथ प्रशासनिक अफसर भी जवाब देने से कतरा रहे हैं। मामले की गंभीरता देखते हुए सांसद ने डीएम धीराज गब्र्याल को पत्र लिखकर पूरे प्रकरण की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट करने के साथ कठोर कार्रवाई के लिए कहा है।
अस्पताल में प्रशासन द्वारा बनवाए जा रहे ऑक्सीजन प्लांट का काम रोक दिया गया है। आगे की कार्रवाई प्रशासन स्तर से ही होगी। एसटीएच ने जरूरत के मुताबिक नये प्लांट के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है। नई व्यवस्था के तहत प्लांट कंपनी मालिक को लगाना होगा। इसके बाद एसटीएच ठेकेदार से ऑक्सीजन खरीदेगा।
डॉ.सीपी भैसोड़ा, प्राचार्य, राजकीय मेडिकल कॉलेज, हल्द्वानी
एसटीएच में कोरोना मरीजों के लिए पुराना ऑक्सीजन प्लांट लगाना गंभीर अपराध है। जिलाधिकारी को मामले की जांच के आदेश दिए हैं। दोषी ठेकेदार पर कठोर कार्रवाई करते हुए उसे ब्लैक लिस्ट करने के निर्देश दिए हैं।
अजय भट्ट, सांसद नैनीताल