देहरादून। चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी के स्थानीय निवासियों के लिए जुलाई से चारधाम यात्रा शुरू करने के पूर्ववर्ती तीरथ सरकार के निर्णय पर हाई कोर्ट की रोक के आदेश को देखते हुए धामी सरकार अब हाई कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर सकती है। कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल के अनुसार महाधिवक्ता से विचार-विमर्श में यह पहलू भी सामने आया था। इस पर सरकार विचार कर रही है। एक-दो दिन में निर्णय ले लिया जाएगा।
कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी आने के बाद पूर्ववर्ती तीरथ सिंह रावत सरकार ने एक जुलाई से चारधाम यात्रा शुरू करने का फैसला लिया। इसके तहत प्रथम चरण में चारधाम वाले तीन जिलों चमोली, रुद्रप्रयाग व उत्तरकाशी के स्थानीय निवासियों को कोरोना जांच की निगेटिव रिपोर्ट के साथ अपने-अपने जिले के धामों में एक जुलाई से दर्शन की अनुमति दी जानी थी। द्वितीय चरण में 11 जुलाई से सभी जिलों और फिर कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा कर अन्य राज्यों के लिए चारधाम यात्रा खोलने का निश्चय किया गया था।
इस बीच चारधाम यात्रा से संबंधित एक मामले में सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने सरकार को यात्रा के लिए व्यवस्था चाक-चौबंद करने और विस्तृत मानक प्रचालन कार्यविधि (एसओपी) तैयार करने के निर्देश थे। शासन ने एसओपी हाई कोर्ट में प्रस्तुत की तो कोर्ट ने इसे अस्वीकार करने के साथ ही चारधाम यात्रा शुरू करने के तत्कालीन कैबिनेट के फैसले पर रोक लगा दी थी। इसके बाद सरकार ने यात्रा शुरू करने का निर्णय स्थगित कर दिया था।
हालांकि, तब सरकार ने हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का निर्णय लिया था। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने के शासन ने अधिवक्ता भी नामित कर दिया था। इस बीच सरकार में नेतृत्व परिवर्तन और नई सरकार के गठन को देखते हुए याचिका दाखिल नहीं हो पाई थी।