चार माह बाद खुला गिरिजा जोन, सफारी के लिए गए पर्यटक

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रामनगर: चार माह बाद गिरिजा पर्यटन जोन रिंगोड़ा गांव से पर्यटकों के लिए खुल गया। इस बार गेट को ढिकुली से शिफ्ट कर रिंगोड़ा गांव में लाया गया है। ग्रामीण महिलाओं द्वारा माला पहनाकर व लड्डू खिलाकर पर्यटकों का स्वागत किया गया।

कार्बेट पार्क का गिरिजा पर्यटन जोन दो साल पहले ढिकुली गांव से शुरू हुआ था। इसी साल जुलाई में यह जोन एनटीसीए की अड़चनों की वजह से बंद हो गया था। एनटीसीए से अनुमति मिलने के बाद मंगलवार से इस जोन को खोला गया है। सीटीआर के अधिकारियों व कर्मचारियों की मौजूदगी में गांव की समूह महिलाओं ने पर्यटकों को माला पहनाई और लड्डू खिलाकर पर्यटकों का स्वागत किया। इससे पर्यटक गदगद दिखे।

उन्होंने स्वागत व प्यार के लिए ग्रामीणों का आभार भी जताया। इसके बाद हरी झंडी दिखाकर पर्यटकों को सफारी के लिए रवाना किया गया। रिंगोड़ा गांव से गेट खुलने से ग्रामीण काफी खुश नजर आए।उनका कहना था कि गेट खुलने से यहां पर्यटक आएंगे तो गांव के लोग रोजगार से जुड़ सकेंगे। गिरिजा जोन में सुबह व शाम की पाली में निर्धारित 30-30 जिप्सियों से पर्यटक सफारी के लिए जाएंगे। इस दौरान रेंजर संजय पांडे, रेंजर बिंदर पाल, गिरीश धस्माना, ललित विष्ट, बसंत नेगी मौजूद रहे।

विरोध के बीच हटाया गेट
गिरिजा जोन का गेट पहले ढिकुली गांव से था। एनटीसीए से अनुमति आने के बाद यह गेट ढिकुली से छह किलोमीटर रामनगर की ओर रिंगोड़ा शिफ्ट हो गया। गेट हटने से ढिकुली के जिप्सी मालिक खासे नाराज है। उनके द्वारा सोमवार को प्रदर्शन भी कार्बेट कार्यालय में किया गया था। इसके बावजूद कार्बेट प्रशासन ने गेट को ढिकुली से हटा दिया।

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