मुनस्यारी : पूर्व अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों व समाज सेवियों की बैठक में चीन सीमा से लगे जोहार घाटी के तेरह गांवों से होने वाले पलायन को रोकने सहित सीमांत के गांवों की समस्याओं पर चर्चा की गई।
स्थानीय देवेंद्रा सभागार में पूर्व आइएएस अधिकारी सुरेंद्र सिंह पांगती की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में चीन सीमा से लगे तेरह गांवों से हो रहे पलायन पर चिंता जताई गई। क्षेत्र की ज्वलंत समस्याओं पर विचार विमर्श किया गया। बैठक में कहा गया कि उच्च हिमालयी गांवों के ग्रामीण जब शीतकाल में घाटियों में आ जाते हैं तो इस दौरान उनके मकानों में तोड़ फोड़ होती है जो गंभीर विषय है। इस संबंध में अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है।
बैठक में आइटीबीपी द्वारा मिलम में नाप भूमि पर कब्जा कर भवन बनाए जाने पर चर्चा की गई। जिस पर मल्ला जोहार विकास समिति ने बताया कि इस मामले में उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई है। इसके अलावा बैठक में क्षेत्र में संचार व्यवस्था, वन पंचायतों की मजबूती, खाद्यान्न व्यवस्था , पैदल मार्ग की मरम्मत, मोटर मार्ग का शीघ्र निर्माण पूरा करने, माइग्रेशन के दौरान फार्मेसिस्ट और एएनएम की तैनाती, पेयजल, सिंचाई, उच्च हिमालयी गांवों के लिए हैलीकॉप्टर सेवा,, इनर लाइन के अलावा क्षेत्र के लिए मिलने वाले बार्डर एरिया डेवलेपमेंट प्रोग्राम के तहत स्वीकृत धन के उपयोग पर चर्चा हुई ।
चीन सीमा से लगे गांवों का विद्युतीकरण, जड़ी बूटी उत्पादन और उस पर आधारित उद्योग स्थापित करने की भी मांग की गई । ऊनी कारोबार को एक बार फिर पुराने स्वरूप में लाने के लिए सरकार पर इसके लिए सुविधाएं उपलब्ध कराने का दबाव बनाने का निर्णय लिया गया।
नेपाली मजदूर जा सकते हैं , तो स्थानीय और पर्यटक क्यों नहीं
बैठक में भारत तिब्बत सीमा पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए गए । बैठक में कहा गया कि आइटीबीपी नेपाली लोगों के माध्यम से सामान का ढुलान करती है। इन लोगों से इनर लाइन परमिट नहीं लिया जाता है। स्थानीय लोगों और देश के पर्यटकों को बिना परमिट के इनर लाइन से आगे नहीं जाने दिया जाता है। इस तरह के दोहरे व्यवहार पर रोष जताया गया।
अवैध भवन ध्वस्त करने और शिकारियों पर रोक की मांग
मल्ला जोहार विकास समिति के श्रीराम धर्मशक्तू ने अनुसूचित जनजाति के उपाध्यक्ष गणेश मर्तोलिया के सम्मुख क्षेत्र में अवैध भवनों को तोडऩे , वन्य जीवों के शिकारियों पर अंकुश लगाने की मांग की । एसटी आयोग के उपाध्यक्ष श्री मर्तोलिया ने कहा कि सीमा के गांवों को आबाद करने के लिए सरकार की योजनाओंं को धरातल पर लाने की आवश्यकता है।
बैठक में मौजूद प्रमुख लोग
एसडीएम भगत फोनिया, यतेंद्र पांगती, खंड विकास अधिकारी प्रेम राम, जिपं सदस्य जगत मर्तोलिया, पूर्व सीएमओ डा. नारायण पांगती, जेएसएस हल्द्वानी के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह पांगती, पूर्व शिक्षा निदेशक नाथो सिंह टोलिया, मल्ला जोहार समिति के अध्यक्ष श्रीराम धर्मशक्तू , तारा पांगती, हीरा धर्मशक्तू , लोक बहादुर जंगपांगी आदि मौजूद रहेेे ।