आंध्र प्रदेश से नैनीताल पहुंचे आदिवासी बच्चे जो दो माह पूर्व 6 फ़रवरी को आंध्र प्रदेश से साइकिलों पर भारत भ्रमण पर निकले थे।
नैनीताल पहुंचने पर जब बच्चों के दल को उनके शिक्षक होटल में रुकवाने के लिए ले गए तो होटल प्रबंधन के द्वारा कोविड टेस्ट कराने के निर्देश दिए जिसके बाद 24 सदस्यों का दल टेस्ट करवाने के लिए बीडी पांडे अस्पताल पहुंचा जहां डॉक्टरों के द्वारा सभी की जांच की गई जिसमें 20 बच्चे संक्रमित पाए गए जिन बच्चो में संक्रमण की पुष्टि हुई है उनमें 8 साल से लेकर 38 साल के लोग शामिल है।
आंध्र प्रदेश के इस दल के 20 लोगो मे संक्रमण की पुष्टि होने के बाद अब स्वास्थ्य विभाग के द्वारा सभी को सूखाताल स्थित टीआरसी में बने कोविड केयर सेंटर में क्वारंटाइन कर दिया गया है।
सबसे बड़ी बात यह कि यह बच्चे पिछले सप्ताह दो अप्रैल को लखनऊ में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिले थे और उनके साथ फोटो भी खिंचवाए थे। इससे पहले बच्चों का यह समूह एक सप्ताह यूपी में विभिन्न स्थानों पर घूमता रहा था। वहां उन्होंने अयोध्या में रामलला के दर्शन भी किए थे। इस दौरान होली पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने उनके लिए मिठाई भी भिजवाई थी। यह भी दिलचस्प है कि यह बच्चे आंध्र प्रदेश से तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश यानी छह राज्यों से होते हुए नैनीताल पहुंचे और उन्होंने स्वीकारा कि इस दौरान उनकी रास्ते में कहीं जांच नहीं हुई।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2 अप्रैल शुक्रवार को आंध्र प्रदेश से भारत भ्रमण पर निकले बच्चों से लखनऊ में मुलाकात की।
छह फरवरी को आंध्र प्रदेश के 21 बच्चों का दल साइकिल से भारत भ्रमण पर निकला था। पिछले करीब एक हफ्ते में बच्चों ने उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में भ्रमण किया। इन बच्चों के प्रदेश में होने की खबर जैसे ही मुख्यमंत्री को पता चली, उन्होंने व्यस्तता के बावजूद लखनऊ से बाहर होते हुए भी इन बच्चों के रहने- खाने का इंतज़ाम करवाया। साथ ही इनके लिए होली की मिठाई भी भिजवाई।
आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले में टाइगर रिजर्व श्रीसेलम के अंदरूनी हिस्से में चेंचू आदिवासियों का पलूतला गांव पड़ता है। वहां से संरक्षक कलिदासु की देखरेख में 21 बच्चों का एक दल साइकिल से हिमालय की यात्रा पर निकला है। 150 दिन के सफ़र में ये बच्चे 15 प्रान्त, 75 जिले और 9000 किलोमीटर की दूरी साइकिल से तय करेंगे। श्रीसेलम टाइगर रिजर्व से निकल पहली बार चकाचौंध भरी दुनिया देखने वाले इन बच्चों ने 6 फरवरी को अपनी यात्रा शुरू की है।
ये बच्चे अयोध्या भी गए वहां रामलला के दर्शन करने के बाद लखनऊ आए और फिर उत्तराखंड।
एक तरफ जहां उत्तराखंड की सभी सीमाओं पर सख्ती बरती जा रही है बाहरी राज्यो से कोई भी बिना कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट दिखाए राज्य में प्रवेश नही कर सकता वही 24 लोगो के इस दल के उत्तराखंड में प्रवेश पर किसी की भी नज़र नही पड़ी ये एक बड़ा सवाल है?