नैनीताल। संवाददाता।
उत्तराखंड के समाज कल्याण विभागके छात्रवृत्ति के घोटालेबाज़ों को अब जेल जाने का डर लगने लगा है। घोटाले की जद में आए कॉलेजों ने हाईकोर्ट में छात्रवृत्ति का पैसा लौटाने का प्रस्ताव दिया है। हाईकोर्ट ने आज कहा कि घोटाले में नामजद कॉलेज पैसा जमा करने का प्रस्ताव रख सकते हैं लेकिन इसका सुनवाई पर कोई असर नहीं पड़ेगा और आपराधिक मामले की सुनवाई जारी रहेगी। सरकार ने कोर्ट को बताया कि संयुक्त निदेशक समाज कल्याण अनुराग शंखधर पर अभियोजन चलाने की अनुमति दी गई है तो एसआईटी ने भी अपनी रिपोर्ट कोर्ट में पेश की।
बता दें कि छात्रवृत्ति घोटाला उत्तराखंड का अब तक का सबसे बड़े घोटाला साबित हो रहा है। 700 करोड़ रुपये से ज़्यादा के इस घोटाले को लेकर 6 से ज़्यादा याचिकाएं हाईकोर्ट में दाखिल की गई हैं। हाईकोर्ट इस मामले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर सुनवाई कर रहा है। अभी छात्रवृत्ति घोटाले की जांच एसआईटी कर रही है। ख़ास बात यह है कि इस घोटाले की जांच के लिए दो एसआईटी गठित की गई हैं और दोनों एक साथ जांच कर रही हैं। हरिद्वार में एसपी के पद पर तैनात टीसी मंजूनाथ के नेतृत्व में एक एसआईटी हरिद्वार और देहरादून के मामलों की जांच कर रही है।
आईजी संजय गुंज्याल के नेतृत्व में दूसरी एसआईटी बाकी 11 ज़िलों में छात्रवृत्ति घोटाले से जुड़ी जांच कर रही है। अब तक दोनों एसआईटी मिलकर कुल 20 शिक्षण संस्थानों के ख़लिफ़ एफ़आईआर दर्ज कर चुकी हैं। इनमें चार कॉलेज उत्तराखंड से बाहर के भी हैं। एसआईटी ने उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान के चार कॉलेजों के ख़लिफ़ हरिद्वार में एफ़आईआर करवाई है।