- कोरोना संक्रमण के चलते जिम कॉर्बेट पार्क 22 मार्च से ही बंद है।
- जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के ढिकाला समेत सभी सफारी जोन हर साल 15 नवंबर को खुलते हैं।
- 15 जून को मानसून सत्र के साथ जंगल सफारी बंद हो जाती है।
- इस बार कोरोना संक्रमण के चलते 22 मार्च से ही जिम कॉर्बेट बंद करना पड़ा।
रामनगर (नैनीताल) : जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क प्रशासन 15 नवंबर से ढिकाला समेत जंगल सफारी वाले दूसरे सभी जोन पर्यटकों के लिए खोलने जा रहा है। इसके लिए ऑनलाइन बुकिंग प्रक्रिया जल्द शुरू होगी।
बता दें कि कोरोना संक्रमण के चलते जिम कॉर्बेट पार्क 22 मार्च से ही बंद है। आमतौर पर जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के ढिकाला समेत सभी सफारी जोन हर साल 15 नवंबर को खुलते हैं। 15 जून को मानसून सत्र के साथ जंगल सफारी बंद हो जाती है। मगर इस बार कोरोना संक्रमण के चलते 22 मार्च से ही जिम कॉर्बेट बंद करना पड़ा। उत्तराखंड समेत दूसरे राज्यों में संक्रमण की गति बढ़ने से कॉर्बेट खुलने पर संशय था।
वनाधिकारियों की बीते दिनों हुई बैठक में कॉर्बेट खोलने पर गहन मंथन हुआ। जिप्सी चालक, होटल और रिजॉर्ट मालिक बेहद परेशान थे। शनिवार को कॉर्बेट पार्क डायरेक्टर राहुल ने कहा कि कोरोना के चलते पार्क करोड़ों के नुकसान में है। आसपास के पर्यटन कारोबारी भी तंगी से गुजर रहे हैं। ऐसे में कॉर्बेट पार्क 15 नवंबर से हर हाल में खोल दिया जाएगा।
संक्रमण से निपटने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग, गेस्ट हाउसों में लगातार सेनेटाइजेशन का इस्तेमाल और पर्यटकों को जंगल सफारी कराने वाले वाहनों पर सेनेटाइजर का छिड़काव किया जाएगा।
कोरोना के कारण तीन करोड़ का नुकसान
कोरोना संक्रमण के चलते बंद रहने से कॉर्बेट नेशनल पार्क को तीन करोड़ का नुकसान हुआ है। अफसरों के अनुसार नौ लाख से अधिक पर्यटक कॉर्बेट घूमने आते हैं। इसमें करीब दस हजार विदेशी होते हैं, इनके जरिए वह हर साल करोड़ों रुपये कमाता है। मगर कोरोना संक्रमण फैलने के बाद बंदी की मार से अब तक पार्क प्रशासन को तीन करोड़ का नुकसान हुआ है। इसकी भरपाई अधिक से अधिक पर्यटकों को जंगल सफारी कराकर हो सकती है।