जौलजीबी : भारत- नेपाल सीमा पर तीन देशों की संस्कृति के प्रतीक जौलजीबी मेले के आयोजन को लेकर तैयारियां होने लगी है। आगामी 10 नंवबर से स्टालों का आवंटन होगा। कोविड के चलते दो साल बाद मेला आयोजित होने से क्षेत्र की जनता में खुशी छाई है।
कोविड के चलते बीते वर्ष जौलजीबी मेले का आयोजन नहीं हो सका था। इस वर्ष भी मेले को लेकसंशय बना हुआ था। बीते माह स्थानीय व्यापारियों, मेला कमेटी और जनप्रतिनिधियों ने जिलाधिकारी से भेंट कर मेले के आयोजन की मांग की थी। जिलाधिकारी डा. आशीष चौहान ने मेले के आयोजन को लेकर सहमति दी। इसी क्रम में जौलजीबी में मेले को लेकर आयोजित बैठक में कोविड को लेकर विशेष एहतियात बरतने तथा मेले से पूर्व क्षेत्र में व्यापक कोविड जांच कराने की बात कहीं। जिसके लिए चिकित्सा विभाग को निर्देशित भी किया गया है।
जौलजीबी मेला पूर्व की भांति 14 नवंबर से प्रारंभ होगा। उपजिलाधिकारी एके शुक्ला ने जौलजीबी मेला एवं विकास प्रदर्शनी के संबंध में विधायक सहित समस्त पंचायत प्रतिनिधियों, स्थानीय संगठनों को खंड विकास अधिकारी के माध्यम से सूचना भेजी है। सूचना के अनुसार जौलजीबी मेला पूर्व की भांति दस दिवसीय होगा। मेला 14 नवंबर से शुरू होकर 24 नंवबर तक चलेगा। पत्र में कहा है कि इस वर्ष जौलजीबी मेले में स्थानीय कलाकारों को महत्व दिया जा रहा है। सभी पंचायत प्रतिनिधियों से अपने-अपने ग्राम पंचायत से दो-दो सांस्कृतिक दलों का सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए चयनित करने को कहा है।
व्यापार संघ अध्यक्ष धीरेंद्र धर्मशक्तू ने कहा कि दो साल आयोजित हो रहे जौलजीबी मेले को इस बार भव्य रू प दिया जाएगा। इसके लिए स्थानीय व्यापारी,मेला कमेटी और स्थानीय जनप्रतिनिधि तैयारी में जुट चुके हैं। उन्होंने कहा एतिहासिक जौलजीबी मेला व्यापारिक मेले के साथ-साथ धार्मिक मेला भी है। इसके स्वरू प को बनाए रखने के लिए सभी जुटे हैं।