तीन साल में पंतनगर कृषि विवि को बनाएंगे एशिया का नंबर वन विश्वविद्यालय, विज्ञानियों को करनी होगी मेहनत

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पंतनगर : गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विवि कभी एशिया का नंबर वन विश्वविद्यालय था। अब इसे अगले तीन साल में एक बार फिर नंबर वन बनाना होगा। इन ऊंचाइयों तक कैसे पहुंचाया जा सकता है, इसके लिए संकल्प के साथ विवि के विज्ञानी, शोधार्थियों को मेहनत करनी पड़ेगी। पंत का सपना तभी पूरा होगा, जब इसे विवि को नंबर वन बनाएंगे। तभी पंत की सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

ये बातें कृषि मंत्री व जिला प्रभारी गणेश जोशी ने पंत की 135वीं जयंती पर शनिवार को गांधी हाल में आयोजित पंत जयंती समारोह में बतौर मुख्य अतिथि के रुप में कही। उन्होंने पंत की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जब पंत उत्तर प्रदेश के पहले सीएम थे तो उन्हें तत्कालीन केंद्र सरकार ने केंद्रीय वित्त मंत्री बनाने के लिए प्रस्ताव दिया था, मगर उन्होंने यह कहकर मना कर दिया था कि उत्तर प्रदेश के विकास के लिए जो योजनाएं बनाई हैं, उन्हें अभी पूरा करना है।

किसानों की आय दोगुनी करना पीएम का उद्​देश्य
उनकी विकासपरक सोच थी। प्रधानमंत्री का किसानों की आय दोगुनी करने का सपना है। इस सपने को पूरा करने का काम विवि के विज्ञानी बहुत मेहनत से कर रहे हैं। कहा कि वह यहां के विज्ञानियों से सीखते हैं। हरित क्रांति का श्रेय विवि का है। यहां की कार्य संस्कृति बहुत अच्छी है। हालांकि कुछ संसाधन की कमी है। फिर भी विवि देश में कृषि विकास में अहम योगदान दे रहा है। उन्होंने जैविक खेती पर जोेर दिया।

पंत विवि ने फसलाें के कराए 135 पेटेंट
कुलपति डा. मनमोहन सिंह चौहान ने कहा कि पंत विवि से अब तक करीब 50 हजार विद्यार्थी पढ़ाई कर चुके हैं, जो देश विदेश में विवि का नाम रोशन कर रहे हैं। वर्ष, 2005 के बाद से विवि ने 135 पेटेंट फसलों का करा चुका है। दो सौ से अधिक तकनीक विकसित कर चुका है। विवि में 411 प्रोजेक्ट चल रहे हैं। देश व राज्य की जो चुनौतियां हैं, इन्हें दूर करना होगा। फंड की कमी से विवि की सड़कों का बुरा हाल है। हास्टलों की स्थिति खास ठीक नहीं है। 46 प्रतिशत फैकल्टी व पद रिक्त हैं। इससे शिक्षा की गुणवत्ता के साथ शोध कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं। जो शोध किए गए, इसलिए विवि देश में अव्वल रहा। अब फंड की कमी से आगे मुश्किल हो सकती है।

राज्यपाल व सीएम का पढ़ा संदेश
पंत की जयंती पर प्रौद्योगिक महाविद्यालय की डीन डा. अलकनंदा अशोक ने राष्ट्रपति का, कुलसचिव डा.एके शुक्ला ने प्रधानमंत्री का, पशु चिकित्सा महाविद्यालय के डीन डा. एनएस जादौं ने राज्यपाल का व स्नातकोत्तर महाविद्यालय के डीन डा. केपी रावेरकर ने सीएम का संदेश पढ़ा। कृषि महाविद्यालय के डीन डा.शिवेंद्र कुमार कश्यप ने पंत की जीवनी पर विस्तार से प्रकाश डाला। इससे पहले उन्होंने नाहेप भवन में पंत की प्रतिमा का माल्यार्पण किया। इसके बाद डाक्टर वाईएल नेने भवन में वेलनेस एंड मेडिटेशन सेंटर में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का अनावरण किया। इस मौके पर शोध निदेशक डा. अजीत सिंह नैन, डा. राजीव रंजन सहित सभी डीन, निदेशक, स्टाफ, किसान मौजूद थे।

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