दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटालाः सूत्रधार मुरादाबाद से गिरफ्तार

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प्रतीकात्मक तस्वीर

हल्द्वानी । दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले के एक सूत्रधार को नैनीताल पुलिस ने मुरादाबाद से गिरफ्तार किया है। आरोपी ने बताया कि उसे मोनाड यूनिवर्सिटी से जुड़े लोगों से प्रति एडमिशन तीन हजार रुपये मिलते थे। एसपी सिटी अमित श्रीवास्तव ने बताया कि दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाला सामने आने के बाद भीमताल में मुकदमा दर्ज कराया गया था। इस मुकदमे की विवेचना निरीक्षक सुधीर कुमार कर रहे है। पुलिस ने विवेचना के दौरान मुरादाबाद जिले के नवीननगर निवासी अंकित अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया।

आरोपी ने पुलिस को बताया कि उसकी मोनाड यूनिवर्सिटी के चेयरमैन प्रमोद गोयलए वहां के कर्मचारी अनुज गुप्ताए मनीष गर्ग और रामजी से काफी घनिष्ठता है। उन्होंने एक छात्र का एडमिशन कराने पर तीन हजार रुपये देने का वादा किया था। उसे कोई वेतन नहीं मिलता है। इसी कारण उसने पैसा कमाने के लिए कालाढूंगी में रहने वाले अपने रिश्तेदार अरविंद से मुलाकात की। रिश्तेदार से ही उसने पांच.छह छात्रों के प्रमाणपत्र लिए और उन्हें मोनाड यूनिवर्सिटी में जमा किया था।

इसके बाद यूनिवर्सिटी से जुड़े सचिन गुप्ता ने उसे छात्रवृत्ति का चेक लेने के लिए समाज कल्याण विभाग के कार्यालय भीमताल भेजा था। उसने चेक प्राप्त किया और यूनिवर्सिटी में जमा कर दिया। पुलिस ने पूछताछ के बाद आरोपी को अदालत के समक्ष पेश किया। अदालत ने उसे न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया। पूछताछ के आधार पर पुलिस अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है। बता दें कि हाईकोर्ट के आदेश पर छात्रवृत्ति घोटाले की जांच करने के लिए एसआईटी गठित की गई है। एसआईटी के प्रमुख आईजी संजय गुंज्याल के नेतृत्व में प्रदेश के 11 जिलों की पुलिस घोटाले की जांच कर रही हैं।

20 लाख का हुआ था घोटाला
एसपी सिटी ने बताया कि जांच के दौरान 20 लाख 63 हजार 900 रुपये का घोटाला सामने आया था। इस मामले में मोनाड यूनिवर्सिटी की तरफ से 44 आवेदन छात्रवृत्ति के लिए भेजे गएए लेकिन समाज कल्याण विभाग ने 28 छात्रों की छात्रवृत्ति की राशि जारी की थी।

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