हल्द्वानी : गौलापार व चोरगलिया के हजारों लोगों को दीवाली तक 10 किमी लंबा सफर कर हल्द्वानी आना पड़ेगा। नदी में पानी व जिला प्रशासन की परमिशन के चक्कर में फिलहाल संपर्क मार्ग को दुरुस्त करने का काम नहीं हो पाएगा। ऐसे में ग्रामीणों की दिक्कत और बढ़ेगी। कृषि ऊपज को मंडी तक लाने के लिए भाड़ा भी ज्यादा चुकाना पड़ेगा।
पहाड़ पर हुई बारिश की वजह से बीते मंगलवार को इंदिरानगर बाइपास स्थित गौला पुल की तीस मीटर लंबी संपर्क रोड नदी में समा गई। गनीमत रही कि उस दौरान पुल पर ट्रैफिक नहीं चल रहा था। इससे पूर्व 2008 में पुल पूरी तरह धराशाही हो गया था। जिसके बाद लोनिवि ने पुन: निर्माण करवाया था। हालांकि, अब पुल एनएचएआइ को ट्रांसफर होने की वजह से मरम्मत भी उसी के द्वारा की जाएगी। मगर पानी के कारण देरी हो रही है। वहीं, एनएचएआइ की मांग है कि नदी में जमा उपखनिज इस्तेमाल करने की अनुमति मिले। जिस पर निर्णय डीएम को लेना है। हालांकि, देरी की वजह से गौलापार व चोरगलिया के हजारों लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
हर डिवीजन को 20 लाख की मांग
आपदा की वजह से जगह-जगह सड़कों को खासा नुकसान पहुंचा है। ऐसे में कमिश्नर ने लोनिवि के अफसरों को नुकसान का आंकलन कर बजट प्रस्ताव देने को कहा है। वहीं, लोनिवि ने फिलहाल सभी डिवीजनों के लिए 20-20 लाख रुपये फौरी राहत के तौर पर देने की मांग की है। मैदान की बजाय पहाड़ की सड़कों को नुकसान ज्यादा पहुंचा है। ऐसे में शासन को वहां काम के हिसाब से अतिरिक्त बजट मुहैया करवाना पड़ेगा।