नैनीताल। दिल्ली हाईकोर्ट ने टिहरी गढ़वाल सकलाना निवासी युवा कमलेश भट्ट के पार्थिव शरीर को भारत एयरपोर्ट से वापस दुबई भेजने के मामले में रविवार को सुनवाई की। कोर्ट ने मामले को अनोखा व हैरान करने वाला करार देते हुए भारत सरकार को नोटिस जारी कर 27 अप्रैल तक डेडबॉडी की लोकेशन व कंडीशन पर रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। इस मामले में भारत सरकार ने कहा है इस तरह के मामलों के समाधान के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर बनाया जा रहा है। कोर्ट इस मामले पर कल सुनवाई करेगा।
टिहरी निवासी विमलेश भट्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि उसका भाई 24 वर्षीय कमलेश आबूधाबी के होटल में काम करता था। 16 अप्रैल को उसकी मृत्यु हो गई। वहीं कार्यरत रोशन रतूड़ी व साथियों के प्रयासों से दिवंगत कमलेश के शव को काफी प्रयासों से भारत भिजवाय। एयरपोर्ट पर शव को लेने उनके परिजन इंतजार कर रहे थे, लेकिन शव को भारत सरकार ने वापस दुबई भेज दिया। याचिका में पार्थिव शरीर को भारत लाने के लिए आदेश पारित करने का आग्रह किया गया है। वीडियोकॉन्फ्रेसिंग से सुनवाई के दौरान न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा की एकलपीठ ने मामले को अद्वितीय करार दिया। भारत सरकार की ओर से कहा गया कि मामले में यूएई दूतावास से बात की जा रही है। कोर्ट ने डेडबॉडी की लोकेशन, कंडीशन के बारे में 27 अप्रैल को रिपोर्ट देने को कहा है।