रामनगर। देश के टाइगर रिजर्व में एनटीसीए (राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण) द्वारा बाघों की गणना कराई जाएगी। इस संबंध में एनटीसीए के अधिकारियों द्वारा प्रदेश के मुख्य वन्य जीव प्रतिपालकों व टाइगर रिजर्व के निदेशकों के साथ ऑनलाइन बैठक कर दिशानिर्देश दिए जा चुके हैं। एनटीसीए हर चार साल में देश के टाइगर रिजर्व में बाघ गणना कराता है। पिछली बार यह गणना 2018 में हुई थी। जिसका परिणाम 2019 जुलाई में आया था। इस बार देश के 52 टाइगर रिजर्व में बाघों की गणना का कार्य शुरू होगा। इसी के तहत कार्बेट टाइगर रिजर्व में भी तैयारी शुरू हो चुकी है।
गणना के लिए कार्बेट में 700 ग्रिड बनाए गए हैं। जिसमें 1400 कैमरे लगाए जाएंगे। एक ग्रिड में दो कैमरे लगेंगे। करीब एक माह तक कैमरे लगाए जाने की उम्मीद है। बाघ गणना का कार्य रामनगर वाले क्षेत्र में पहले चरण में तथा कालागढ़ के क्षेत्र में दूसरे चरण में किया जाएगा। कैमरों में एक माह तक आए बाघों के फोटोग्राफ का विश्लेषण करने के बाद पूरा डाटा एनटीसीए को भेजा जाएगा। एनटीसीए अगले साल जुलाई में देश के टाइगर रिजर्व में मौजूद बाघों का रिजल्ट एक साथ घोषित करेगा।
सीटीआर की गणना में अधिक थे बाघ
2019 में सीटीआर ने अपने स्तर से भी बाघ गणना कराई थी। जिसमें 252 बाघों की मौजूदगी थी। दो बाघ अब हरिद्वार भेजे जा चुके हैं। ऐसे में अब 250 बाघ यहां हैं। वहीं 2014 की गणना में में देश में कुल 2226 और सीटीआर में 215 और 2018 में देश में 2969 और सीटीआर में 231 बाघ मिले थे। बता दें कि बाघों के संरक्षण की दिशा में निंरतर काम किया जा रहा है।