रामनगर। धान और गेहूं की खेती में मुनाफा नहीं मिल पा रहा है तो फिक्र करने की कोई बात नहीं है। अब केसर की खेती आपको न केवल आपको आत्मनिर्भर बनाएगी बल्कि मालामाल भी करेगी। बतौर प्रयोग के पिरूमदारा ख़्वाजपुर के किसान हरमीत सिंह इन दिनों केसर की खेती करने में लगे हैं। अभी उन्होंने केवल एक बीघा में ही इसे लगाया है। इस एक बीघा में ही केसर के फूल लहलहाते दिखे तो हरमीत की खुशी के ठिकाना नहीं है।
इसीलिए शुरू की केसर की खेती
रामगनर के ग्राम ख्वाजपुर पीरूमदारा निवासी हरदीप सिंह ने बताया कि किसान को अपनी उपज का बाजार में सही दाम नहीं मिलता। उनका मानना है कि मेहनत करने के बाद भी किसानों को उनकी फसल का मनचाहा लाभ नहीं मिल पाता है, जिसके चलते अब कई किसान जहां एक ओर अपनी जमीन को बेच रहे हैं तो वहीं कई किसान गेहूं-धान व गन्ने की खेती से भी मुंह मोड़ रहे हैं। ऐसे में किसान और उनके परिवार के आगे संकट खड़ा हो गया है।
1500 रुपए में मिलता है दस ग्राम
हरदीप ने बताया कि पांरपरिक खेती के नुकसान को देखते हुए केसर की खेती शुरू की है। यह सलाह उन्हें राजस्थान में रहने वाले एक रिश्तेदार ने दी थी। जिसके बाद उन्होंने अपनी एक बीघे जमीन पर पिछले वर्ष अक्टूबर में केसर का बीज बोया था। बताया कि केसर की खेती अप्रैल में पूरी तरह तैयार हो जाएगी। एक बीघा जमीन में उन्होंने 100 ग्राम केसर का बीज बोया था। हरदीप कहते हैं कि केसर का बाजार भाव 1000 से पंद्रह सौ रुपए तक 10 ग्राम का है। रेट इससे भी अधिक बढ़ने की संभावना रहती है।
हरदीप उपलब्ध कराएंगे बीज
केसर की खेती करने के बाद हरदीप काफी खुश हैं और उन्होंने किसानों से भी अपील की है कि वह भी अपनी जमीन पर इसकी खेती कर अपना अपना जीवन स्तर सुधार सकते हैं। उन्होंने कहा कि जो किसान केसर की खेती करना चाहते हैं वह उन्हें बीज भी उपलब्ध कराएंगे। ऐसे में हरदीप ने जहां केसर की खेती कर लोगों के सामने नजीर पेश की हैं, वहीं आए दिन लोग उनकी खेती के बारे में जानने-समझने के लिए तो वही इस खेती को देखने के लिए उनकी जमीन पर हर रोज भारी संख्या में लोग जाकर उनसे इसकी जानकारी भी ले रहे हैं।