नैनीताल। शासन, प्रशासन और पालिका की उपेक्षा से आहत नैनीताल नगरपालिका के सभी सदस्यों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया है। इस घटना के बाद से हड़कंप मच गया है। यह इस्तीफा शुक्रवार को सौंपा गया है। जिसमें आरोप लगाया गया है कि पालिका, शासन तथा प्रशासन, मुख्यमंत्री हेल्प लाइन पर की गई शिकायतों और पत्रों का संज्ञान नहीं लेते हैं।
शिकायतों का संज्ञान नहीं लिया जा रहा
इस्तीफे में कहा गया है कि नैनीताल में उच्च न्यायालय, कमिश्नरी, जिलाधिकारी, नैनीताल आदि अतिविशिष्ट कार्यालयों के मुख्यालय हैं, इसके बाद भी पालिका प्रशासन, जिला प्रशासन एवं सरकार द्वारा जनहित की शिकायतों का संज्ञान नहीं लिया जा रहा है।
केवल औपाचारिकता के लिए ही कार्य किया जा रहा
कहा कि जन समस्याओं को लेकर कई बार पत्राचार किया जा चुका है। लेकिन केवल औपाचारिकता के लिए ही कार्य किया जाता है। स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस, गांधी जयन्ती आदि समारोह से संबंधित बैठकों में सभासदों को नजरअंदान कर आमंत्रित नहीं किया जाता है। अवैध कार्यों के संबंध में की गई शिकायतों पर भी कोई कार्रवाई नहीं होती है। अधिकारियों द्वारा समाधान करने के बजाय तथ्यों को छुपाया जाता है।
सभासद निर्मला चंद्रा, सुरेश चंद्र, सागर आर्य, मनोज जगाती, भगवत रावत, गजाला कमाल, दीपक बर्गली, सपना बिष्ट, कैलाश रौतेला, दया सुयाल, मोहन नेगी, प्रेमा अधिकारी, रेखा आर्य, नामित सभासद मनोज जोशी, तारा राणा, राहुल पुजारी ने सामूहिक इस्तीफा दिया है।