नैनीताल: सुप्रीम कोर्ट आदेश से उत्तराखंड के लाखों लोगों को राहत मिली है। राज्य में नजूल भूमि को निरस्त करने के उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने पूर्ण रूप से रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से राज्य के लाखों लोगों को राहत मिली है, जो नजूल भूमि पर बसे हैं और अपने हक में मकान दुकान को करने की जद्दोजहद कर रहे थे।
दरअसल 2009 में राज्य सरकार नजूल नीति लेकर आई थी, जिसके तहत नजूल भूमि पर रह रहे लोगों के हकों में नजराना देकर फ्री होल्ड की कार्रवाई होनी थी, हालांकि इस आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती मिली तो, नैनीताल हाई कोर्ट ने 2018 में नजूल नीति को गलत बताते हुए निरस्त कर दी। साथ ही कहा कि जिन लोगों के हकों में फ्री होल्ड इस नीति के तहत किया है, उसको भी निरस्त कर नजूल भूमि को सरकार के खाते में निहित करें। कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया कि कोई नई नीति सरकार नहीं ला सकती है। हाई कोर्ट के फैसले को रुद्रपुर की सुनीता ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल कर चुनौती दी है।
कहा कि हमको राज्य सरकार की पॉलिसी में फ्रीहोल्ड किया गया था, मगर हमको बगैर सुने हाई कोर्ट ने आदेश पारित कर दिया, बाद में उत्तराखंड सरकार ने भी हाई कोर्ट के इसी फैसले को चुनौती दी और कहा ये सरकार का पॉलिसी मैटर है, जिसमें कोर्ट का ये दखल गलत है और हाई कोर्ट के इस आदेश से लाखों लोगों के अधिकार से वंचित हो जाएंगे। उत्तराखंड सरकार ने हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने के साथ निरस्त करने की मांग की थी। जस्टिस अब्दुल नजीर जस्टिस कृष्ण मुरारी की कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले पर पूर्ण रूप से रोक लगा दी है।