जिले में बारिश ने किसानों को भले ही राहत दी है, लेकिन यूरिया और एमपीके खाद नहीं मिलने से किसान परेशान हैं। नौबत यह है कि गौलापार व लालकुआं के किसानों को खाद खरीदने के लिए ऊधमसिंह नगर तक जाना पड़ रहा है। जिससे समय के साथ ही अतिरिक्त धन की बर्बादी हो रही है। बताया जा रहा है कि गुजरात के प्लांट से आपूर्ति प्रभावित होने के कारण यह दिक्कत बनी है।
नैनीताल जिले में 40 हजार किसान हैं। गेहूं की एक-दो झुलाई के बाद पौधे हरे होने लगे हैं। ऐसे में किसानों को यूरिया व एमपीके खाद की जरूरत पडऩे लगी है। किसानों को सहकारी केंद्रों में पहुंचने पर खाद नहीं मिल रही है। जिससे उन्हें मायूस होकर लौटना पड़ रहा है। उनका कहना है कि अभी फसल को खाद नहीं मिलेगी तो उसकी ग्रोथ कमजोर होगी। साथ ही फसल पकने के दौरान दाना छोटा होगा। किसानों का कहना है कि खाद के लिए उन्हें जिले से बाहर रुख करना पड़ रहा है। विभागीय अधिकारियों की ओर से खाद को लेकर कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया जा रहा है। पिछले एक सप्ताह से जिले के किसी भी सहकारी केंद्र पर खाद नहीं मिल रही है। खाद के लिए उन्हें ऊधमसिंह नगर तक जाना पड़ रहा है।