नैनीताल : नैनीताल में भूस्खलन के कारण लोगों की मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं। शहर के कृष्णापुर कालोनी की पांच हजार की आबादी दो साल पहले बलियानाला पहाड़ी पर हुए भूस्खलन के कारण अलग-थलग पड़ गई। कालोनी का संपर्क जिला मुख्यालय से पूरी तरह भंग है। लोग लंबे समय से मार्ग को दुरुस्त करने की मांग कर रहे हैं। लेकिल अब तक उन्हें सिर्फ आश्वासन मिला है। ऐसे में कॉलाेनी के लोगों ने आंदोलन का मन बना लिया है। चुनाव से पहले इलाके के लोगों ने सड़क के लिए जेल भरो आंदोलन शुरू करने की घोषणा की है।
नैनीताल की भूगर्भीय संवेदनशीलता स्थानीय निवासियों के लिए मुसीबत बन गई है। बलियानाला के मुहाने पर 2018 में भारी भूस्खलन में कृष्णापुर को जाने वाली सड़क का बैंड जमींदोज हो गया। तब से करीब तीन किलोमीटर पहुंच मार्ग पर वाहनों की आवाजाही ठप है। पैदल आवाजाही भी पगडंडियों से होकर हो रही है। यहां रास्ते के बगल में भी कई स्थानों पर बोल्डर खतरा बने हैं। ऐसे में लोग अपनी जान जोखिम में डालकर आवागमन कर रहे हैं। बता दें कि बलियानाला भूस्खलन की चपेट में आने से वार्ड के लोगों को तीन किमी का सफर तय करने के लिए 18 किमी चलना पड़ रहा है। हालिया आपदा में वीरभट्टी का मार्ग भी क्षतिग्रस्त है।
कभी भूगर्भीय तो कभी वन अधिनियम का रोड़ा
कृष्णापुर के लिए हल्द्वानी रोड पर कूड़ा खड्ड से लिंक मार्ग की कवायद की गई मगर भूगर्भीय नियम आड़े आ गए। बताया जाता है कि भूगर्भीय सर्वे में पहाड़ी का सड़क के लिए काटना खतरनाक हो सकता है। इसके बाद दूसरे इलाके से सड़क के लिए सर्वे किया गया तो उसमें वन अधिनियम का पेंच फंस गया। कृष्णापुर क्षेत्र में करीब पांच हजार की आबादी रहती है, जो पूरी तरह शहर पर निर्भर है। उन्हें मुख्यालय तक आने के लिए वीरभट्टी से ज्योलिकोट होकर करीब 18 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ रहा है।
कालोनी के लोग बेच रहे मकान
क्षेत्र की अधिकांश आबादी आर्थिक रूप से कमजोर व मध्यम वर्ग की है। सड़क की वजह से इलाके से लोग मकान बेचकर हल्द्वानी व अन्यत्र जा रहे हैं। कई लोगों ने मकान बिकाऊ घोषित कर दिए हैं। क्षेत्र के सभासद कैलाश रौतेला कहते हैं, अब उनके सामने जेल भरो आंदोलन के शिवा कोई विकल्प नहीं है। यह आंदोलन अगले रविवार से होगा। क्षेत्रवासी परेशान हैं। उधर जिलाधिकारी धीराज गर्ब्याल का कहना है कि सड़क के लिए प्रयास हो रहे हैं, जिसके जल्द नतीजे दिखेंगे।