नैनीताल में पाइपलाइन के जरिए रसोई तक पहुंचेगी गैस, सिलेंडर भरवाने की झंझट होगी ख़तम

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नैनीताल। गैस उपभोक्ताओं को गैस सिलेंडर भरवाने और नए कनेक्शन लेने के लिए शहर के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। नगर पालिका हिंदुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड के साथ मिलकर शहर में गैस पाइपलाइन बिछाने की योजना बना रही है। योजना के तहत शहर में दो गैस डिपो स्थापित किए जाएंगे। जिससे पाइप लाइनों को जोड़कर लोगों के घरों तक रसोई गैस उपलब्ध कराई जाएगी। कंपनी प्रतिनिधियों ने शहर का सर्वे कर गैस डिपो स्थापित करने को लेकर प्रक्रियाएं निपटा ली है। योजना के क्रियान्वयन के लिए पालिका और कंपनी के बीच अनुबंध किया जाना है। यदि सब कुछ सही रहा तो शहर वासियों को पाइपलाइन के जरिए रसोईगैस घर के अंदर तक उपलब्ध हो पाएगी।

बता दें कि पर्यटन स्थल होने के कारण शहर में बड़ी गाड़ियों का आवागमन प्रतिबंधित है। इसके अलावा शहर की भौगोलिक स्थिति के कारण कई क्षेत्रों में बड़े वाहन नहीं पहुंच पाते। जिससे गैस उपभोक्ताओं को लंबा सफर तय कर गैस सिलेंडर भरवाने पड़ते हैं। जिसको देखते हुए जिला प्रशासन और पालिका अध्यक्ष सचिन नेगी द्वारा शहर में गैस पाइपलाइन बिछाने की योजना पर कार्य किया जा रहा है। पालिकाध्यक्ष ने बताया कि हिंदुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड के प्रतिनिधि दो बार शहर का निरीक्षण कर चुके हैं। जिसमें गैस डिपो स्थापित करने से लेकर पाइप लाइन बिछाने के लिए शहर के विभिन्न क्षेत्रों का सर्वे किया गया है। सर्वे रिपोर्ट प्रतिनिधियों द्वारा कंपनी के उच्चाधिकारियों को सौंपी जानी है। जिसकी मंजूरी के बाद पालिका और कंपनी के बीच अनुबंध किया जाएगा।

पालिका ने गैस डिपो के लिए सुझाये चार स्थल, एक फाइनल

पालिकाध्यक्ष सचिन नेगी ने बताया कि कंपनी द्वारा गैस डिपो स्थापित करने के लिए स्थान आवंटित करने की मांग की गई थी। जिस पर पालिका द्वारा नारायण नगर, सूखाताल, दुर्गापुर और लकड़ीटाल का सुझाव दिया गया है। कंपनी प्रतिनिधि चारों स्थलों का सर्वे कर चुके हैं। जिसमें मल्लीताल स्थित लकड़ी टाल को डिपो स्थापित करने के लिए उचित बताया गया है।

पांच किलोमीटर लंबी बिछेगी लाइन

सचिन ने बताया कि शहर में करीब पांच किलोमीटर लंबी पाइप लाइन बिछाने की योजना है। पहले चरण में शहर के पांच से दस हजार उपभोक्ताओ को इसका लाभ दिया जाएगा।

सुरक्षित है प्राकृतिक गैस

शहर की भौगोलिक स्थिति और अक्सर भूस्खलन की घटनाएं सामने आने के कारण इसके सुरक्षित होने पर संशय बना हुआ था। कंपनी के प्रोजेक्ट इंजीनियर सुमित कुमार ने बताया कि प्राकृतिक गैस पूरी तरह से सुरक्षित है। भूस्खलन अथवा अन्य किसी कारण से भविष्य में यदि पाइप लाइन टूटी अथवा क्षतिग्रस्त होती है तो सप्लाई स्वतः ही बंद हो जाएगी। क्योकि इसकी पूरी वितरण प्रणाली ऑटोकट सिस्टम पर कार्य करती है। इसके अलावा प्राकृतिक गैस बहुत ही हल्की होती है लीकेज होने पर यह हवा में उड़ जाती है।

अन्य गैसों से सस्ती मिलेगी प्राकृतिक गैस

कंपनी प्रतिनिधियों का दावा है कि प्राकृतिक गैस उपभोक्ताओं को सस्ती दरों पर उपलब्ध हो पाएगी। इससे अलावा जहां ट्रांसपोर्ट और वाहनों से सिलेंडरों को डिलीवर करने का खर्च कम होगा, वहीं उपभोक्ताओं को भी बार बार गैस सिलेंडर भरवाने के झंझट से मुक्ति मिल पाएगी।

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