नैनीताल। नैनीताल में में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल मेट्रोपोल के साथ ही नारायण नगर में मल्टीस्टोरी पार्किंग के प्रॉजेक्ट करीब-करीब रद हो चुके हैं। अब यहां पर सामान्य पार्किंग निर्माण के लिए बजट जारी हो चुका है। नैनीताल के शत्रु संपत्ति मेट्रोपोल में मल्टीस्टोरी पार्किंग की घोषणा 2017 में शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पहले नैनीताल दौरे में की थी। जिला प्रशासन की ओर से तैयार प्रोजेक्ट में मेट्रोपोल में पार्किंग के साथ हैलीपेड बनाने का भी प्रावधान था। शत्रु संपत्ति होने की वजह से तकनीकी पेंच फंसा तो दो साल पहले मल्टीस्टोरी पार्किंग के बाजार सामान्य पार्किंग के लिए काम शुरू हुआ था।
नारायण नगर में वन भूमि ने अटकाए रोड़े
कालाढूंगी रोड में भी नारायण नगर में मल्टीस्टोरी पार्किंग का प्रोजेक्ट तैयार किया गया था। इसके लिए एडीबी पर्यटन से सौ करोड़ का प्रावधान किया गया था। यहां वन विभाग की ओर से वन भूमि हस्तांतरण का मामला उठाया तो पेंच फंस गया। वन भूमि हस्तांतरण का मामला सुलझाने की प्रक्रिया शुरू हुई तो प्रोजेक्ट के औचित्य पर भी सवाल उठने लगे। जिसके बाद फिर पिछले साल पर्यटन विभाग की ओर से नए सिरे से करीब ढाई करोड़ का प्रस्ताव तैयार किया गया है। जिसमें से एक करोड़ से अधिक बजट रिलीज हो चुका है। कार्यदाई संस्था केएमवीएन द्वारा टेंडर जारी किया जा चुका है। जिला पर्यटन अधिकारी अरविंद गौड़ के अनुसार नारायण नगर में जल्द काम शुरू हो जाएगा।
फांसी गधेरा प्रॉजेक्ट भी पाइपलाइन में
जिला विकास प्राधिकरण अध्यक्ष व कमिश्नर की पहल पर फांसी गधेरा के समीप लोनिवि के गेस्ट हाउस के पास मल्टीस्टोरी पार्किंग का प्रस्ताव तैयार किया था। फिलहाल यह शुरू नहीं हो सका है। विधायक संजीव आर्य का कहना है कि नारायण नगर व मेट्रोपोल पार्किंग में काम शुरू हो चुका है।
विपक्ष हमलावर, सरकार पर झूठी घोषणा का आरोप
अगले साल विधानसभा चुनाव होना है, ऐसे में विपक्ष इन मुद्दों को लेकर अभी से सरकार की घेराबंदी में जुट गया है। पूर्व विधायक सरिता आर्य का आरोप है की भाजपा सरकार ने नैनीताल की पार्किंग समस्या को लेकर गंभीरता से काम करने के बजाय हवाई घोषणाएं की। जिसका खामियाजा जनता 2002 में भाजपा को भुगतना पड़ेगा।