हल्द्वानी-नैनीताल रोड पर ताकुला और एरीज बैंड के बीच धंसाव के चलते सड़क के लगभग तीस मीटर के हिस्से में दरार पड़ गई है। सड़क पर पड़ी दरार का मौका मुआयना कर चुके एनएच के अधिकारी अब इसे ठीक कराने की जुगत लगा रहे हैं।पिछले दिनों एनएच में डॉन बास्को के पास सड़क टूट गई थी और वीरभट्टी के पास मलबा आ गया था। नैनीताल हाईवे पर अब ताकुला और एरीज बैंड के बीच सड़क के 30 मीटर हिस्से में दरार आ गई है। दो साल से इसी स्थान पर सड़क धंस रही है। हर वर्ष विभाग यहां ट्रीटमेंट भी कर रहा है। सोमवार को एनएच के कर्मचारियों ने दरार वाले स्थान पर पत्थर लगा दिए थे।
मंगलवार को विभागीय अधिकारियों ने दरार का जायजा लेकर ट्रीटमेंट प्लान तैयार किया। एनएच के अधिशासी अभियंता सुनील कुमार ने बताया कि बरसात थमते ही डामर से दरार भरने का काम कराया जाएगा। वीरभट्टी में भूस्खलन और दो गांव में सड़क टूटने से उपजी समस्या से निपटने के बाद अब एनएच के लिए ताकुला और एरीज बैंड के बीच सड़क में आई दरार ने नई मुसीबत पैदा कर दी है।
उधर, अतिवृष्टि से चमोली जिले में बिरही-निजमुला सड़क टीटरी गदेरे के उफान पर आने से करीब 40 मीटर तक बह गई है। सड़क बंद होने से निजमुला घाटी के 17 गांवों में रसोई गैस के साथ ही आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई ठप हो गई है।नैनीताल की ठंडी सड़क में पाषाण देवी मंदिर के पास चौथे दिन मंगलवार को भी भूस्खलन हुआ। इसके चलते भारी मात्रा में मलबा और पत्थर सड़क से होते हुए नैनीझील में समा गए। लगातार हो रहे भूस्खलन को देखते हुए सोमवार से ही ठंडी सड़क में पैदल आवाजाही पर रोक लगा दी थी। भूस्खलन के बाद क्षतिग्रस्त पहाड़ी के ऊपर मौजूद डीएसबी परिसर के केपी महिला छात्रावास का भवन भी खतरे की जद में आ गया है। छात्रावास के बी ब्लॉक में रह रहीं छात्राओं को ए ब्लॉक में शिफ्ट कर दिया गया है। डीएसबी परिसर के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष पंकज भट्ट आदि ने डीएम को ज्ञापन देकर भूस्खलन पर रोक लगाने के लिए ठोस उपाय कराने की मांग की है। केपी छात्रावास की वार्डन रेणुका खोलिया ने बताया कि भूस्खलन से छात्रावास का रास्ता भी क्षतिग्रस्त हो गया है। डीएम धीराज सिंह गर्ब्याल उस वक्त बाल-बाल बचे, जब पाषाण देवी मंदिर के पास दरक रही पहाड़ी से पत्थर और मलबा उनके ऊपर ही आ गिरा। इस पर आनन फानन डीएम गर्ब्याल खुद को बचाते हुए वहां से नीचे उतरे। दो दिन पूर्व अतिवृष्टि से निजमुला मार्ग मलबा आने से बंद हो गया था। लेकिन सोमवार रात को हुई भारी बारिश से टीटरी गदेरा उफान पर आ गया और सड़क पूरी तरह ध्वस्त हो गई। सड़क पर बड़े-बड़े बोल्डर अटके हुए हैं, जिससे ग्रामीण पैदल आवाजाही भी नहीं कर पा रहे हैं। सड़क बंद होने से मंगलवार को ग्रामीणों ने बिरही तक आने के लिए करीब पांच किलोमीटर की पैदल दूरी नापी। काली चट्टान के पास बनगरा व तोली तोक में भी सड़क पर भारी मात्रा में मलबा आ गया है। सड़क बंद होने से निजमुला घाटी के पाणा, ईराणी, झींझी, निजमुला, पगना, गोलिम, गाड़ी, ब्यारा के साथ ही 17 गांव के ग्रामीणों की आवाजाही ठप पड़ गई है। ग्रामीणों ने लोक निर्माण विभाग से शीघ्र सड़क सुचारू करने की मांग उठाई।