नैनीताल। क्वारंटीन सेंटरों की बदहाली मामले में राज्य सरकार के शपथपत्र के हाईकोर्ट के रिकॉर्ड में नहीं आने पर मामले की सुनवाई अब 15 अक्तूबर यानी गुरुवार को होगी।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि कुमार मलिमथ एवं न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली, देहरादून निवासी सच्चिदानंद डबराल ने क्वारंटीन सेंटरों और कोविड अस्पतालों की बदहाली और उत्तराखंड लौट रहे प्रवासियों की मदद और उनके लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने को लेकर हाईकोर्ट में अलग-अलग जनहित याचिकाएं दायर कीं थीं।
पूर्व में बदहाल क्वारंटीन सेंटरों के मामले में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट कोर्ट में पेश की थी, जिसमें माना था कि उत्तराखंड के सभी क्वारंटीन सेंटर बदहाल स्थिति में हैं।
सरकार ने इन क्वारंटीन सेंटरों में प्रवासियों के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं की है। इस मामले में हाईकोर्ट ने अस्पतालों की नियमित निगरानी के लिए जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में जिलेवार निगरानी कमेटियां गठित करने के आदेश देने के साथ ही कमेटियों से सुझाव मांगे थे।
कोरोना मरीजों के स्वास्थ्य और खानपान का लिया जायजा
ऋषिकेश में कोविड केयर सेंटर में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की देखभाल में कोई लापरवाही न हो, इसके लिए हाईकोर्ट के आदेश पर बुुधवार को जिला अनुश्रवण एवं निगरानी समिति के सदस्यों ने मुनिकीरेती स्थित ऋषिलोक कोविड केयर सेंटर का निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान टीम सदस्यों ने कोविड सेंटर में रह रहे कोरोना पॉजिटिव मरीजों से बातचीत कर उनके खानपान और दिनचर्या की जानकारी ली। इसके बाद टीम सदस्यों ने कोरोना पॉजिटिव मरीजों को दिए जाने वाले खाने का निरीक्षण किया। टीम सदस्यों ने स्वास्थ्य विभाग से मरीजों की रोजाना की दिनचर्या की जानकारी ली।
टिहरी जिले के फकोट ब्लॉक स्वास्थ्य प्रभारी डॉ. जगदीश चंद्र जोशी ने टीम सदस्यों को जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान में सेंटर में 56 मरीज आइसोलेट हैं, इसके अलावा 15 कोरोना पॉजिटिव मरीज होम क्वारंटीन हैं। सेंटर में रह रहे मरीजों की स्वास्थ्य टीम पूरी तरह जांच करती रहती है। जो मरीज होम क्वारंटीन हैं, स्वास्थ्य विभाग की टीम उनके स्वास्थ्य जांच के लिए उनके घर पर जाती है। साथ ही क्षेत्र में आशा कार्यकर्ताएं सक्रिय हैं।