नैनीताल: हाई कोर्ट ने रुड़की नगर निगम के मेयर गौरव गोयल के अपने पद का दुरुपयोग करने के विरुद्ध दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने सरकार को नगर निगम एक्ट के तहत दो माह के भीतर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही याचिका को अंतिम रूप से निस्तारित कर दिया है।
रुड़की निवासी अमित अग्रवाल ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि रुड़की नगर निगम के मेयर गौरव गोयल ने अपने पद का दुरुपयोग किया है।
मेयर ने किसी भूमि की लीज बढ़ाने के एवज में 25 लाख रुपये फोन कर रिश्वत मांगी। इनकी आवाज को रिकार्ड कर लिया गया था। बाद में इनका वायस सेंपल फोरेंसिक लैब भेजा गया। फोरेंसिक की रिपोर्ट सही पाई गई। यही नही मेयर ने अपनी एक महिला कर्मचारी के पति को झूठे केस में फंसाया।
बाद में उस पर दवाब डालकर कर कहा कि यह केस तभी वापस लूंगा जब वह उनके साथ संबंध बनाएं। पुलिस ने इस मामले में मेयर पर मुकदमा भी दर्ज किया और बाद में उसमें अंतिम रिपोर्ट लगा दी। निचली अदालत ने इस रिपोर्ट को निरस्त कर दोबारा से जांच करने के आदेश दिए।
याचिकाकर्ता का कहना है कि मेयर ने अपने पद का दुरुपयोग किया है। जिसकी शिकायत सरकार को भी की गई लेकिन अभी तक उनको पद से नही हटाया गया। पर नगर निगम की धारा 16 में नगर निगम मेयर को हटाए जाने का प्राविधान है।