पानी के लिए खाना भी छोड़ेंगे गौलापार के किसान, एक दिसंबर से बुद्ध पार्क में शुरू होगी भूख हड़ताल

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हल्द्वानी: सिंचाई से जुड़ी समस्या का समाधान नहीं होने की वजह से गौलापार के काश्तकारों के लिए खेतों की सिंचाई करना बड़ी चुनौती बन चुका है। काश्तकारों का कहना है कि अक्टूबर में आई आपदा की वजह से धान की फसल को खासा नुकसान हुआ था। इस दौरान सिंचाई की मुख्य नहर भी टूट गई थी। अब ग्रामीण को गेहूं की फसल लगाने के लिए पानी की जरूरत है। लेकिन अफसर क्षतिग्रस्त सिंचाई नहरों की मरम्मत अभी तक नहीं की गई। ऐसे में गौलापार के ग्रामीणों ने अब एक दिसंबर से हल्द्वानी के बुद्ध पार्क में भूख हड़ताल शुरू करने की चेतावनी दी है। 

अक्टूबर 18 व 19 तारीख को दो दिन तक बारिश का दौर चला था। जिससे गौला समेत अन्य नदियां उफान पर आ गई थी। काठगोदाम में पुराने गौला के पास से निकलने वाली सिंचाई विभाग की मुख्य नहर भी पूरी तरह टूट गई थी। इस नहर के जरिये पूरे गौलापार क्षेत्र को पानी पहुंचता था। विभाग के अनदेखी करने पर ग्रामीणों ने सड़क जाम कर दी थी। जिसके बाद जल्द मरम्मत के आश्वासन पर उन्होंने धरना समाप्त किया था। लेकिन अगले दिन पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर कई धाराओं में मुकदमे दर्ज कर लिए। लेकिन नहरों की मरम्मत फिर भी नहीं हुई। नवाड़खेड़ा व खेड़ा ग्राम पंचायत के काश्तकारों की दिक्कत सबसे ज्यादा है। नवाड़खेड़ा में जरनेटर की मदद से बरसाती नाले से पानी खींचा जा रहा है। जबकि खेड़ा में यह विकल्प भी नहीं है। वहीं, पूर्व बीडीसी मेंबर अर्जुन बिष्ट ने कहा कि मजबूरी में एक दिसंबर से भूख हड़ताल पर बैठेंगे।

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