गरमपानी। एक तरफ जहां घर-घर को पानी पहुंचाने के लिए सरकार तमाम योजनाएं संचालित कर रही है वहीं दूसरी तरफ नैनीताल के पर्वतीय गांवों के वासिंदों को बूंद-बूद के लिए तरसना पड़ रहा है। सर्दियों में जब ये हाल है तो गर्मियों में होने वाली दिक्कतों का अंदाजा तो आप लगा ही सकते हैं। पानी के लिए ग्रामीण प्राकृतिक श्रोतों और नदियों पर निर्भर हैं। ऐसे में उनका लंबा सफर भी करना पड़ता है। बुधवार को ग्रामीणों ने जल संस्थान के खिलाफ अपना विरोध प्रकट किया। चेतावनी दी कि यदि जल्द पेयजल व्यवस्था में सुधार नहीं किया गया तो जिला मुख्यालय कूच किया जाएगा।
बेतालघाट ब्लॉक के कई गांवों में ग्रामीण बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं पर बसगांव के हालात ज्यादा खराब है। करीब पचास से ज्यादा परिवारों को पानी के लिए मुश्किल झेलनी पड़ रही है। ग्रामीणों की माने गांव को सकदीना बसगांव पेयजल योजना से पानी की आपूर्ति की जाती है पर पिछले कुछ समय से महज दस पंद्रह मिनट पानी की आपूर्ति होती है। जिससे गांव के लोगों को पानी नहीं मिल पाता। अब मजबूरी में कोसी नदी से बनाई गई बसगांव लिफ्ट सिंचाई योजना से पानी पीने को मजबूर हैं।
ग्रामीणों ने संबंधित विभाग के खिलाफ नारेबाजी कर गुबार निकाला। कहा कि कई बार आवाज उठाए जाने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही। पिछले कई महीनों से ग्रामीण दिक्कतों का सामना कर रहे हैं पर जल संस्थान को कोई लेना देना नहीं है। पूर्व ग्राम प्रधान पान सिंह, पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य इंदर बोहरा, कुंदन बोहरा, लक्ष्मण सिंह, मोहन सिंह जलाल, लाल सिंह, राजेंद्र सिंह आदि ग्रामीणों ने जल संस्थान पर गांव के लोगों की उपेक्षा किए जाने का आरोप भी लगाया है। दो टूक चेतावनी दी है कि यदि जल्द पेयजल व्यवस्था में सुधार नहीं किया गया तो जिला मुख्यालय कूच किया जाएगा। ग्रामीणों ने जिला मुख्यालय में ही आंदोलन शुरु करने की चेतावनी दी है।