बाजपुर : पिपलिया के कुलवंत हत्याकांड मामले में मुख्य आरोपित अविनाश शर्मा के घर दबिश देने गए कोतवाल प्रवीण सिंह कोश्यारी अपने साथ भारी पुलिस फोर्स व बुलडोजर भी ले गए। केशोवाला गांव स्थित फार्म हाउस के गेट पर घंटों बिताने के बाद पुलिस बिना किसी कार्रवाई के बैरंग लौट आई। माना जा रहा है कि पुलिस का मकसद खुद को सरेंडर करने के लिए आरोपितों पर दबाव बनाना रहा।
वहीं, इस मामले में आरोपित शर्मा परिवार के अधिवक्ता विजय गर्ग ने कहा कि यदि कोई भवन गलत बना है तो राजस्व विभाग नोटिस जारी करता है। जवाब से संतुष्ट नहीं होने पर ही प्रशासन अवैध निर्माण को ध्वस्त करने की कार्रवाई करता है। ऐसे में पुलिस की इस प्रकरण कोई कार्रवाई नहीं बनती है। बकौल अधिवक्ता अविनाश शर्मा व तेजेंद्र सिंह जंटू का सरेंडर प्रार्थना पत्र कोर्ट में दिया गया था, जिसका जवाब पुलिस की ओर से अभी तक नहीं दिया गया है। अलबत्ता एनबीडब्ल्यू वारंट की प्रक्रिया पूरी की जा रही है।
इधर, पुलिस की कार्रवाई का विरोध भी होने लगा है। कांग्रेेस जिलाध्यक्ष जितेंद्र शर्मा ने पुलिस प्रशासन पर एकतरफा कार्रवाई व अविनाश शर्मा पक्ष की तरफ से दर्ज मुकदमे में कोई सुनवाई नहीं करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पुलिस अविनाश के जिन मुकदमों का जिक्र कर रही है, उनमें वह बरी हो चुके हैं।
पूर्व जिला पंचायत सदस्य कुलविंदर सिंह किंदा ने भी आरोप लगाया कि प्रशासन एक पक्ष की सुनवाई नहीं कर रहा है। उनके मुताबिक गोलीबारी में हुई मौत के लिए जिस पर आरोप लगे हैं, वह खुलेआम घूम रहा है। उन्होंने कहा कि सरेंडर करने के लिए घर पर बुलडोजर चलाने का डर दिखा दबाव बनाना अनुचित कदम है। उन्होंने इस मामले में खुद को शर्मा परिवार का पक्षधर बताया। ब्लाक प्रमुख पति राजकुमार ने भी पूछताछ के नाम पर पुलिस प्रशासन के रवैये पर कड़ा एतराज जताया है।
बता दें कि स्टोन क्रशर के साझेदारी के विवाद में ग्राम पिपलिया निवासी नेत्रप्रकाश शर्मा के आवास पर 26-27 अप्रैल की मध्य रात हुई फायरिंग में एक की मौत हो गई थी। मामले में पुलिस अब तक कई को गिरफ्तार कर चुकी है।