नैनीताल। हाई कोर्ट में उत्तरकाशी जिले के पुरोला में महापंचायत को रोकने व हिंदू संगठनों पर मुकदमा दर्ज करने की मांग से संबंधित याचिका पर अहम सुनवाई आज होगी। याचिकाकर्ता ‘एसोसिएशन फॉर द प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स’ की ओर से पेश अधिवक्ता शाहरुख आलम ने गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी के समक्ष इस मामले को मेंशन कर सुनवाई की प्रार्थना की है।
इससे पहले आलम ने सुप्रीम कोर्ट की अवकाश पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख किया था। सर्वोच्च न्यायालय ने याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया और याचिकाकर्ता को उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के लिए कहा था। याचिका में उत्तरकाशी और टिहरी गढ़वाल में हुई घटनाओं के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के जारी आदेश के मद्देनजर दिशा निर्देश मांगा गया है। कहा कि उत्तरकाशी में निश्चित समय सीमा के भीतर मुस्लिम समुदाय को स्थान छोड़ने के लिए दिया गया है। अल्टीमेटम पूरा नहीं हुआ तो 15 जून को महापंचायत बुलाई जाएगी। हालांकि महापंचायत को स्थगित कर दिया गया है।
राज्य में दिए गए नफरत फैलाने वाले भाषण
याचिकाकर्ता ने सर्वोच्च न्यायालय की ओर से पारित आदेश का उल्लेख किया है। जिसमें राज्य को नफरत फैलाने वाले भाषणों के खिलाफ स्वत: कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। सर्वोच्च न्यायालय के उस आदेश का भी संदर्भ दिया गया है, जिसमें राज्य को धर्म संसद कार्यक्रमों के रूप में घृणा फैलाने वाले भाषणों को रोकने का निर्देश दिया गया था।
15 जून को किया था महापंचायत का ऐलान
पांच जून को जिला मजिस्ट्रेट नई टिहरी गढ़वाल को जिले को एक संगठन की ओर से भेजे गए एक पत्र का हवाला दिया है अल्टीमेटम में 15 जून 2023 को पुरोला में महापंचायत की भी घोषणा की गई है, जहां पहले पोस्टर लगाए गए थे। कुछ दुकानों को एक क्रॉस के साथ चिह्नित किया गया था, यह दर्शाता है कि उनके रहने वालों को 15 तारीख से पहले छोड़ना होगा
ये था मामला
पुरोला में 26 मई को एक 14 वर्षीय लड़की की दो पुरुषों – एक मुस्लिम और एक हिंदू की ओर से कथित अपहरण को लेकर सांप्रदायिक उन्माद भड़क गया है, जिसे स्थानीय लोगों ने ‘लव जिहाद’ का मामला करार दिया गया है, जबकि दोनों अभियुक्तों को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया था। इस घटना ने कस्बे में सांप्रदायिक तनाव को भड़का दिया, जो राज्य के पड़ोसी क्षेत्रों में फैल गया।
मुसलमानों के घरों पर किया हमला
कुछ दिनों के बाद संगठनों ने कई इलाकों में विरोध प्रदर्शन किया और पुरोला में मुसलमानों की दुकानों और घरों पर हमला किया। साथ ही 15 जून को महापंचायत से पहले परिसर खाली करने या गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी देते हुए मुस्लिम व्यापारियों की दुकानों के शटर पर एक देवभूमि रक्षा संगठन के नाम से नोटिस चिपका दिया गया था। हाईकोर्ट के मुख्य स्थायी अधिवक्ता चंद्रशेखर रावत ने याचिकाकर्ता की ओर से नोटिस मिलने व आज सुनवाई होने की पुष्टि की