नैनीताल। प्रांतीय चिकित्सा संघ से जुड़े राजकीय मेडिकल कॉलेज के पीजी डॉक्टरों की भूख हड़ताल लगातार दूसरे दिन गुरुवार को भी जारी रही। मेडिकल कॉलेज के प्रशासनिक भवन के आगे हड़ताल पर बैठे पीजी डॉक्टरों ने सरकार के रवैये पर नाराजगी जताते हुए पूरी तनख्वाह देने की मांग दोहराई।
भूख हड़ताल पर राजकीय मेडिकल कॉलेज के करीब 55 पीजी डॉक्टर हड़ताल कर रहे हैं। नियमानुसार पढ़ाई के दौरान इन डॉक्टरों की आधी तनख्वाह देने का नियम है लेकिन इनकी मांग है कि वे ड्यूटी पूरी कर रहे हैं तो तनख्वाह भी पूरी ही मिलनी चाहिए। आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने डॉक्टरों को पूरी तनख्वाह देने की घोषणा की थी।
लेकिन इसके बाद से केवल कागजी कार्रवाई और आश्वासनों तक बात सिमट कर रह गयी। हड़ताल के दूसरे दिन गुरुवार को भी पीजी डॉक्टर मांग पर अड़े रहे। एलान किया कि जबतक मांग नहीं मान ली जाती तब तक हड़ताल जारी रहेगी। इस दौरान डॉ. विजय, डॉ. नवीन, डॉ. अतुल, डॉ देवेश, डॉ. आस्था, डॉ. मोनिका खाती आदि मौजूद रहे।
मुकदमें की चेतावनी ने बढाई नाराजगी
भूख हड़ताल मामले में मेडिकल कॉलेज प्रशासन की ओर से मुकदमा दर्ज कराए जाने की भनक लगते ही पीजी डॉक्टरों ने नाराजगी जताई। कहा कि इस तरह से दबाव बनाना ठीक नहीं है।
स्टाइपेंड पर हो सकता है समझौता
मेडिकल कॉलेजों में एमडी और एमएस की पढ़ाई करने वाले इन डॉक्टरों को 33 से 40 हजार रुपये वेतन मिल रहा है। जिसके यह बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। इन डॉक्टरों को शासन की तरफ से स्टाइपेंड का विकल्प भी दिया गया है। जिसके तहत इन्हें 50 से 60 हजार रुपये तक मिलेंगे। हड़ताल के दूसरे दिन गुरुवार को स्टाइपेंड को लेकर डॉक्टरों के बीच राय मशविरा हुआ। अनुमान यही लगाया जा रहा है स्टाइपेंड पर समझौता हो सकता है।