रामनगर: पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पौड़ी की युवती के हत्यारोपितों के सुप्रीम कोर्ट से बरी होने के मामले में पुर्नविचार का प्रयास करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि वह दिल्ली जाकर इस मामले में अधिवक्ताओं से बात करेंगे। सीएम धामी तक भी उन्होंने बात पहुंचाई है। प्रयास करेंगे कि इस मामले में कोर्ट में पुर्नविचार याचिका लगाई जाए।
उन्होंने कहा कि कोर्ट के निर्णय पर वे सवाल खड़े नहीं कर रहे हैं। लेकिन इस फैसले से लोगों में हताशा व निराशा है। गुरुवार को पूर्व सीएम विधायक दीवान सिंह बिष्ट के कार्यालय में पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य में तीन हजार सरकारी डाक्टर है। रामनगर के पीपीपी मोड के सवाल पर रावत ने कहा कि पीपीपी मोड से स्वास्थ्य सुविधा को बढ़ावा मिला है। यदि पीपीपी मोड के एक दो अस्पताल में गड़बड़ी है तो उसे ठीक करने की जरूरत है।
गैरसैंण के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि वहां ढांचागत सुविधाएं बढ़ानी होगी।गैरसैंण पर फोकस करना होगा। गैरसैंण की उपेक्षा नहीं हो सकती है। हालांकि स्थाई राजधानी बनाने के सवाल को वह टाल गए। खनन नीति में भ्रष्टाचार के सवाल पर उन्होंने स्वीकार किया कि सरकार के राजस्व में नुकसान होगा। सीएम ने अच्छा सोचकर ही खनन नीति बनाई थी।
उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र में राज्य में काफी विकास हुआ है। स्वास्थ्य सुविधा बढ़ी है। अल्मोड़ा, देहरादून, हलद्वानी, श्रीनगर, देहरादून, रुद्रपुर में मेडिकल कालेज बने हैं। अटल आयुष्मान कार्ड योजना से लोगों को फायदा हुआ है। उन्होंने कहा कि महिलाओं कर लिए उत्तराखंड पहला राज्य है। जहां पति की पैतृक संपत्ति में भी पत्नी को सहखातेदार बनाया है।
सीएम ने भी कही है न्याय दिलाने की बता
उत्तराखंड की बेटी के साथ दिल्ली में हुई दरिंदगी के आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट के बरी करने के फैसले पर उत्तराखंड में लोग आहत हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस केस को देख रही एडवोकेट चारु खन्ना से के साथ केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू से भी बात की। उन्हों कहा है कि पीड़िता सिर्फ उत्तराखंड की ही नहीं बल्कि देश की बेटी थी उसे न्याय दिलाने के लिए हम सब कुछ करेंगे।