रामनगर। विश्वविख्यात कॉर्बेट पार्क में पोस्ट ग्रेजुएट महिलाएं भी चालक बनने की लाइन में है। चालक के लिए आए आवेदनों में महिलाओं की शैक्षिक योग्यता से अधिकारी हतप्रभ हैं। पोस्ट ग्रेजुएट महिलाओं ने भी चालक बनने के लिए आवेदन किया है। जबकि चालक के लिए कोई न्यूनतम शैक्षिक योग्यता नहीं रखी गई है। एजुकेटेड महिलाओं के आवेदन आने से कॉबेट प्रशासन को लग रहा है कि वे वन्यजीवों की सुरक्षा और संरक्षा के लिए भी पर्यटकों को जागरूक करेंगी।
कार्बेट पार्क देश का पहला नेशनल पार्क होगा, जहां उत्तराखंड सरकार पहली बार 50 महिलाओं को भी चालकों के रूप में रोजगार से जोडऩे जा रही है। कार्बेट प्रशासन द्वारा पिछले महीने महिलाओं से आवेदन मांगे गए थे। चालक बनने के लिए विभाग द्वारा आवेदन की शर्तों में कोई भी न्यूनतम शैक्षिक योग्यता नहीं रखी गई थी। 22 जून को आवेदन भेजने की अंतिम तिथि तय थी। लेकिन 50 में से से कुल 42 ही आवेदन कार्बेट को मिल पाए। इसके बाद विभागीय कर्मियों ने जब आवेदनों की जांच की तो अधिकांश युवतियां व महिलाएं पोस्ट गे्रजुएट धारक थी। इससे साफ है कि पोस्ट गे्रजुएट महिलाएं भी रोजगार नहीं मिलने के कारण जिप्सी चालक बनकर अपना खर्च उठाना चाह रही हैं।
प्रशिक्षण दिलाने के साथ जिप्सी दिलाने में मदद करेगा कॉर्बेट
जिन युवतियों व महिलाओं ने आवेदन किए हैं। उन्हें कार्बेट प्रशासन देहरादून में सरकारी ड्राइविंग प्रशिक्षण दिलाएगा। चालक का अनुभव प्रमाण पत्र मिलने के बाद कार्बेट प्रशासन द्वारा वीर चंद्र गढ़वाली योजना के तहत ऋण में जिप्सी दिलाने में मदद करेगा। वर्तमान में कार्बेट पार्क में करीब 270 जिप्सी पंजीकृत है। यह जिप्सी लोगों की निजी होती है। जो जिप्सी कार्बेट पार्क में पंजीकृत होगी वही जिप्सी पर्यटकों को जंगल में सफारी करा सकती हैं। पंजीकृत जिप्सियों को ही गेटों के भीतर जाने की अनुमति होती है। अब महिलाओं की 50 जिप्सी और विभाग में पंजीकृत हो जाएगी।