रामनगर। उत्तराखंड में पहली बार रामनगर के फाटो जोन में बनकर तैयार हुए ट्री हाऊस का आनंद पर्यटकों को नहीं मिल पा रहा है। ट्री हाऊस को बनकर तैयार हुए करीब छह माह से अधिक का समय हो चुका है, लेकिन अभी तक शासन से रेट तय नहीं होने की वजह से ट्री हाउस शोपीस बना है। ऐसे में वन विभाग को राजस्व का भी नुकसान हो रहा है।
पर्यटक पहली बार उठाएंगे ट्री हाउस का रोमांच
तराई पश्चिमी वन प्रभाग द्वारा पहली बार फाटो पर्यटन जोन में डे सफारी शरू की गई है। इसके अलावा पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए पहली बार फाटो पर्यटन जोन में ही ट्री हाऊस भी बनाया है। ट्री हाऊस कर पक्का कमरा एक बरगद के ऊंचे पेड़ पर लकड़ी से बनाया गया है। यहां पर्यटक रात में जंगल में पेड़ पर रहने का रोमांच उठा सकेंगे।
पर्यटक सीजन खत्म, नहीं तय हो सका रेट
पर्यटन सीजन खत्म हो गया , लेकिन वन विभाग इसके लिए बुकिंग ओपन नहीं कर सका। फाटो जोन ट्री हाऊस की वजह से रामनगर के अन्य जोन की तुलना में आकर्षण का बड़ केंद्र बना हुआ है। वन विभाग ने रात में ट्री हाऊस में रूकने का रेट भी तय कर दिया है। सूत्र बताते हैं कि एक रात ट्री हाऊस में रूकने का शुल्क पांच हजार रूपये से ज्यादा तय किया गया है।
डीएफओ ने शासन को भेजा रेट
डीएफओ बीएस शाही ने बताया कि शासन को ट्री हाऊस में ठहरने के रेट भेजे हैं ।शासन ने अभी रेट पर अपनी सहमति नहीं दी है। रेट स्वीकृत होने के बाद ट्री हाऊस का संचालन शुरू कर दिया जाएगा। शासन के आदेश के अनुसार नाइट स्टे के रेट घट व बढ़ भी सकते हैं। उम्मीद है कि जल्द ही इस बारे में कोई निर्णय लिया जा सकता है।
फाटो में बढ़ रही है जिप्सियों की संख्या
फाटो जोन में लगातार बाघ, तेंदुए और हाथियों के झुंड दिखने से पर्यटकों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसको देखते हुए फाटो जोन में सुबह और शाम 50-50 जिप्सियां जंगल सफारी के लिए जा रही हैं। बताया कि जिप्सियों का पंजीकरण किया गया था।