हाईकोर्ट ने फेसबुक के इंडिया हेड, केंद्र सरकार, राज्य सरकार, डीजीपी और एसएसपी हरिद्वार को तीन सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने फेसबुक पर लोगों की फर्जी आईडी बनाने, फोटो को एडिट कर अश्लील वीडियो इंटरनेट मीडिया पर अपलोड करने की धमकी देकर पीड़ितों से लाखों रुपये वसूलने के मामले को लेकर जवाब मांगा है।मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। हरिद्वार निवासी आलोक कुमार ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि वह खुद इस मामले में पीड़ित हैं।
उनका कहना था कि फेसबुक पर लोगों की फर्जी आईडी बनाकर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी जा रही है। फ्रेंड रिक्वेस्ट मंजूर कर लेने के बाद उनकी फोटो को एडिट करके उनकी अशील वीडियो बनाई जा रही है। याचिका में कहा गया कि ये वीडियो बनाकर उन्हें भेज दी जा रही है और उनसे कहा जा रहा है कि वे पैसे दो नहीं तो उनके वीडियो उनके घरवालों, दोस्तों को भेज दिए जाएंगे।
याचिकाकर्ता का कहना था कि उसके पास भी इसी तरह का वीडियो भेजा गया था। जब इसकी शिकायत उन्होंने एसएसपी हरिद्वार, डीजीपी, गृह सचिव से की तो कोई कार्रवाई नहीं हुई। आरटीआई के तहत जब पुलिस विभाग से पूछा गया कि अब तक उत्तराखंड में इस तरह के कितने मामलों में एफआईआर दर्ज हुई है तो पता चला कि 45 पीड़ितों ने इस संबंध में शिकायत की है और अभी मामला विचाराधीन है।
याचिकाकर्ता का कहना था कि इंटरनेट मीडिया का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। लोगों की अश्लील वीडियो बनाकर उनके दोस्तों और परिजनों को भेजना गलत है। इस वजह से पीड़ित लोग आत्महत्या भी कर ले रहे हैं। लोगों ने फेसबुक को कमाई का धंधा बना दिया है।
याचिकाकर्ता ने गुहार लगाई है कि फेसबुक को निर्देश दिए जाएं कि इस तरह की अश्लील वीडियो डालने वाले लोगों की आईडी को ब्लॉक किया जाए और इंटरनेट मीडिया से अश्लीलता से भरे वीडियो को हटाया जाए। याची ने यह भी गुहार लगाई कि फेसबुक इंडिया हेड, एसएसपी और डीपीजी को निर्देश दिए जाएं कि एक ऐसा नंबर जारी करें जिसमे पीड़ित लोग अपनी शिकायत कर सकें। पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने फेसबुक इंडिया हेड, केंद्र सरकार, राज्य सरकार, डीजीपी और एसएसपी हरिद्वार को तीन सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं