हल्द्वानी उपकारागार में बीते दिनों एक बंदी की हत्या काआरोप लगने से भड़के बंदी रक्षकों ने मंगलवार को जेल परिसर में जमकर हंगामा किया। आक्रोशित बंदी रक्षकों ने वरिष्ठ जेल अधीक्षक मनोज आर्य पर झूठे आरोप में फंसाने का आरोप लगाते हुए सुबह पांच बजे से काम ठप कर दिया। करीब नौ घंटे चले कार्यबहिष्कार और गहमागहमी के बाद जेलर समेत करीब 41 बंदीरक्षकों ने एडीजी जेल को सामूहिक इस्तीफा भेज दिया। नाराज जेलकर्मियों ने वरिष्ठ जेल अधीक्षक आर्य को तत्काल हटाने और उनका इस्तीफा मंजूर करने की मांग करतेे हुए मुख्यमंत्री को भी इस्तीफे की प्रतिलिपि भेज दी है। हल्द्वानी उपकारागार के जेलर संजीव ह्यांकी का आरोप है कि बीती छह मार्च को हल्द्वानी जेल के पॉक्सो के आरोप में बंद एक बंदी की मौत में चार बंदीरक्षकों को फंसाने की साजिश रची जा रही है।
जेल के एक प्रधान बंदी रक्षक से मिलने के बाद मृतक बंदी की पत्नी के साथ मिलकर कोतवाली में तहरीर दी थी, जिसमें हल्द्वानी जेल के चार बंदीरक्षकों पर हत्या का आरोप लगाया था। जेलर ह्यांकी का आरोप है कि वरिष्ठ अधीक्षक आर्य और प्रधान बंदी रक्षक के इशारे पर जेल में तैनात बंदी रक्षकों को फंसाने का प्रयास किया जा रहा है। मुकदमे के डर से भड़के सभी बंदी रक्षकों ने मंगलवार को ड्यूटी करने से इनकार करते हुए जमकर हंगामा किया। दोपहर बाद जेलर समेत 41 बंदी रक्षकों ने एडीजी जेल को पत्र लिखकर सामूहिक इस्तीफा भेज दिया है। एक-एक प्रतिलिपि जिलाधिकारी, अपर महानिरीक्षक और मुख्यमंत्री को भेजी है।
सामूहिक इस्तीफे में बंदी रक्षकों ने लिखा है कि वरिष्ठ जेल अधीक्षक मनोज आर्या और उनके साथ एक प्रधान बंदी रक्षक और एक बंदी रक्षक कर्मचारियों को प्रताड़ित कर रहे हैं। आरोप है कि वरिष्ठ जेल अधीक्षक छोटी-छोटी बातों पर नौकरी से बर्खास्त करने और झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी देते रहते हैं। आए दिन बंदी रक्षकों का वेतन काट दिया जाता है। किसी ने आवाज उठाने की कोशिश की तो स्थानातंरण और बर्खास्तगी का भय दिखाया जाता है।
नैनीताल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक मनोज आर्या ने बताया, बंदी रक्षकों के आरोपों की मुझे जानकारी नहीं है। यहां मेरे आने से पहले क्या घटना हुई, इसके बारे में जानकारी नहीं है। मैं शनिवार से वरिष्ठ जेल अधीक्षक पीएस मीणा के लंबे अवकाश पर जाने के कारण हल्द्वानी जेल का काम देख रहा हूं। अगर कोई आरोप लग रहे हैं तो भी मैं जांच के लिए तैयार हूं।
एडीजी जेल एपी अंशुमान का कहना है कि मंगलवार सुबह घटना का पता चला। जेलर संजीव ह्यांकी से रिपोर्ट मांगी है। जांच के बाद अग्रिम कार्रवाई होगी। फिलहाल मेरे पास किसी का कोई इस्तीफा नहीं मिला है।