बढ़ते कोविड के बीच हड़ताल पर डटे रहे उपनल कर्मचारी, प्राचार्य ने भेजा नोटिस

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हल्द्वानी : राजकीय मेडिकल कालेज के अधीन डा. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय के कर्मचारी और स्वामी राम कैंसर अस्पताल में कार्यरत उपनल कर्मियों की हड़ताल से व्यवस्था चरमराने लगी है। प्राचार्य प्रो. अरुण जोशी ने आवश्यक सेवाओं को ध्यान में रख हड़ताल तत्काल खत्म करने की अपील की है। साथ ही कहा है कि हड़ताल के समय का वेतन नहीं दिया जाएगा।

एसटीएच के 700 से अधिक कर्मचारियों ने पूर्व में 78 दिन की हड़ताल की थी। इसके 50 दिन बाद फिर से हड़ताल पर गए कर्मचारियों का कहना है कि सरकार उनके साथ वादाखिलाफी कर रही है। चिकित्सा शिक्षा निदेशालय के पास हड़ताल के समय का वेतन देने लिए प्रस्ताव गया है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। वैसे ही हमें कम वेतन मिलता है। जबकि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वेतन भुगतान किए जाने का आश्वासन भी दिया है। उनके कार्यालय से पत्र भी चिकित्सा शिक्षा विभाग को भेजा जा चुका है। अब कर्मचारियों का कहना है कि हमें मजबूर होकर दोबारा आंदोलन करने को बाध्य होना पड़ रहा है।

अध्यक्ष समेत कई लोग सीएम से मिलने पहुंचे खटीमा

एसटीएच के उपनल कर्मचारी संघ के अध्यक्ष पीएस बोरा समेत शिष्टमंडल खटीमा में मुख्यमंत्री से मुलाकात करने पहुंच गया। कर्मचारियों ने कहा कि इस मुद्दे सीएम के समक्ष फिर से रखा जाएगा। लौटने के बाद कर्मचारी आदर्श नगर स्थित भाजपा नेता शंकर सिंह कोरंगा के आवास पर पहुंचे।

अस्पताल का कामकाज होने लगा प्रभावित

कालेज प्रबंधन भले ही काम प्रभावित होने की बात से इन्कार कर रहा है, लेकिन इस हड़ताल की वजह से मरीजों व तीमारदारों को खुद ही ब्लड सैंपल लैब तक पहुंचाना पड़ रहा है। स्ट्रेचर ले जाने के लिए कर्मचारी नहीं हैं। सफाई व्यवस्था भी चरमराने लगी है। अस्पताल के पीछे ही बायोमेडिकल वेस्ट रखा गया है। वहीं, आपरेशन की संख्या भी कम होने लगी है।

काम पर लौटें कर्मचारी, हड़ताल का नहीं मिलेगा वेतन: प्राचार्य

प्राचार्य प्रो. अरुण जोशी ने नोटिस जारी किया है। उन्होंने लिखा है कि कोविड-19 महामारी को ध्यान में रखते हुए कर्मचारी ड्यूटी में उपस्थित होकर दायित्वों का निर्वहन करें, जिससे कि आम जन को कोई कठिनाई न हो। उन्होंने कहा है कि शासनादेश के तहत काम नहीं तो वेतन नहीं के आधार पर हड़ताल पर रहने वाले कर्मचारियों का वेतन भुगतान नहीं किया जाएगा। जबकि पिछले 78 दिन की हड़ताल के समय का वेतन संबंधी मामला चिकित्सा शिक्षा निदेशालय को भेजा गया है।

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