हल्द्वानी। ग्रामीण क्षेत्रों में लोग अब भी कोरोना टीकाकरण को लेकर जागरूक नहीं हैं। कई टीकाकरण केंद्रों पर सन्नाटा पसरा हुआ है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की चिंताएं बढऩा लाजिमी है। कारणों का पता लगाने के लिए अब स्वास्थ्य विभाग की टीम गांवों में 45 से ऊपर वाले कितने लोगों का टीकाकरण हुआ है इसका पता लगाकर विश्लेषण करेगी। विभाग का मानना है कि बुजुर्ग और दिव्यांगों को कई बार टीकाकरण केंद्र आने में परेशानी होती है। ऐसे में विश्लेषण करने के बाद डोर-टू-डोर वैक्सीनेशन शुरू किया जाएगा।
क्या है डोर-टू-डोर वैक्सीनेशन
अब तक ग्रामीण क्षेत्रों में जिन टीकाकरण केंद्रों में टीका लगाया जा रहा है वे आबादी से थोड़ा दूरी पर हैं। ऐसे में यहां तक पहुंचने के लिए ग्रामीणों को पैदल चलना होता है। बुजुर्ग और दिव्यांग इन टीकाकरण केंद्रों तक पहुंचने में असमर्थ रहते हैं। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ऐसे लोगों को चिह्नित कर ऐसी जगह पर टीकाकरण कैंप लगाएगा जहां ये लोग पहुंच सके। इसी को डोर-टू-डोर वैक्सीनेशन नाम दिया गया है।
एनएचएम ने जारी किया है पत्र
एसीएमओ नैनीताल डा. रश्मि पंत ने बताया कि डोर-टू-डोर वैक्सीनेशन को लेकर गुरुवार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन यानी एनएचएम के सचिव राजेश भूषण द्वारा विभाग को एक पत्र भेजा गया है। जिसमें बुजुर्गों और दिव्यांगों तक टीकाकरण की सुविधा पहुंचाने के लिए डोर-टू-डोर वैक्सीनेशन प्रक्रिया अपनाने को कहा गया है। बताया कि जिले में टीकाकरण केंद्रों में ड्यूटी कर रहे कुछ कर्मचारियों को इसके लिए लोगों और जगहों को चिह्नित करने को कहा गया है।