बुधवार रात धरती के करीब से गुजरेगा नासा की खतरनाक श्रेणी में शामिल एस्‍टरायड

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नैनीताल : कल यानी बुधवार को दिन और रात बराबर होंगे। इसके साथ एक और खगोलीय घटना वैज्ञानि‍कों और खगोल में रुचि रखने वालों का अपनी ओर ध्‍यान खींचेगी। बुधवार की रात धरती के करीब एक क्षुद्र ग्रह यानी Asteroid गुजरने वाला है। इसकी लंबाई पेरिस के एफिल टावर से भी अधिक, यानी तीन सौ मीटर से अध‍िक है, लेकिन इसका व्‍यास कम है। वैज्ञानिकों ने इसे 2021 एनवाई-1 नाम दिया है। अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी NASA ने इसे धरती के निए संभावित खतरे की श्रेणी में रखा है।

जानिए क्‍या होगी Asteroid की धरती से दूरी

धरती के लिए संभावित खतरे वाले एस्‍टरायड पर वैज्ञानिकों ने नजर रखी है। धरती से यह करीब 14 लाख किमी की दूरी से गुजरेगा। वैज्ञानिक इस दूरी को काफी कम मानते हैं। फिलहाल इस क्षुद्र ग्रह से धरती को कोई खतरा नहीं माना जा रहा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि धरती कक्षा में पहुंचते ही क्षुद्र ग्रह की रफ्तार नौ से एक हजार किमी प्रति घंटा हो जाएगी। ऐसे में धरती से दूरी और भी कम हो जाएगी।

चमकदार नजर आएगा एस्‍टरायड

नैनीताल स्थित आर्यभट्ट प्रेक्षण शोध संस्‍थान यानी एरीज के पब्लिक आउटरीच कार्यक्रम के प्रभारी डॉ वीरेन्‍द्र यादव बताते हैं कि धरती के करीब से गुजरने वाला यह एस्‍टरायड काफी चमकदार होगा। धरती की कक्षा में पहुंचते ही इसकी रफ्तार काफी तेज हो जाएगी। वैज्ञानिकों ने इस क्षुद्र ग्रह पर लंबे समय से नजर बना रखी है। 22 सितंबर की रात खगोल प्रेमियों के लिए ऐतिहासिक क्षण होगा।

धरती के लिए खतरनाक हैं 22 एस्‍टरायड

अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने 22 क्षुद्र ग्रहों को धरती के लिए बेहद खतरनाक श्रेणी में रखा है। वैज्ञानिकों को आशंका है कि धरती से टकराकर ये क्षुद्र ग्रह प्रलय की स्थिति पैदा कर सकते हैं। यह इस महीने धरती के करीब से गुजरने वाला दूसरा क्षुद्र ग्रह है। बता दें कि यदि किसी तेज रफ्तार एस्‍टरायड या अन्‍य कोई वस्‍तु की धरती से 46.5 लाख की मील से अधिक करीब आने संभावना होती है तो उसे खगोल वैज्ञानिक खतरनाक श्रेणी में रखते हैं। नासा का सेंटरी सिस्‍टम ऐसे खतरनाक एस्‍टरायड पर नजर रखता है।

क्‍या होते हैं क्षुद्र ग्रह

क्षुद्र ग्रह चट्टानों की तरह होते हैं जो किसी ग्रह की तरह ही सूरज के चक्‍कर काटते हैं। आकार में यह ग्रहों से काफी छोटो होते हैं। हमारे सौरमंडल में ज्‍यादातर एस्‍टराययड मंगल और वृहस्‍पतिग्रह, की कक्षा की एस्‍टरायड बेल्‍ट में पाए जाते हैं। करीब 4.5 अरब साल पहले जब सोलर सिस्‍टम बना था तब गैस और धूल के ऐसे बादल जो किसी ग्रह का आकार नहीं ले पाए और पीछे छूट गए, वही एस्‍टरायड में तब्‍दील हो गए।

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