बुर्के में योग: सेहत के लिए संजीदा मुस्लिम महिलाएं, चुस्त-दुरुस्त रहने को कर रही हर जतन

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  • परदे में रहने वाली मुस्लिम महिलाएं ही क्यों न हों वे भी, खासकर लॉकडाउन के बाद, जमाने की जद्दोजहद के बीच कदमताल करती दिखाई दे रहीं हैं। वे अपनी सेहत के लिए फिक्रमंद हैं और अपने को रखने के लिए जतन भी कर रहीं हैं। मुस्लिम महिलाएं घर से बाहर कम निकलतीं हैं, जो निकलती भी हैं वे बुर्के में ही नजर आती हैं। ऐसा होने पर भी वह अपनी सेहत को लेकर संजीदा हैं।

हल्द्वानी : कोरोना काल में समाज में अनेक सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं। समाज का हर वर्ग अपनी सेहत के प्रति संजीदगी से सोचने लगा है, सेहत को चुस्त रखने के लिए हर जनत करने को तैयार है। समाज में हर प्रकार की वर्जना, प्रतिबन्ध टूट रहे हैं। तेजी से बदल रही जीवनशैली के साथ समाज की सोच भी बदल रही है।

चाहे परदे में रहने वाली मुस्लिम महिलाएं ही क्यों न हों वे भी, खासकर लॉकडाउन के बाद, जमाने की जद्दोजहद के बीच कदमताल करती दिखाई दे रहीं हैं। वे अपनी सेहत के लिए फिक्रमंद हैं और अपने को रखने के लिए जतन भी कर रहीं हैं। हल्द्वानी में अंतरराष्ट्रीय स्पोर्ट्स स्टेडियम के पास हर रोज सुबह के वक्त योग, जॉगिंग और एक्सरसाइज करतीं महिलाएं इसका उदाहरण हैं।

समाज में ये धारणा आम है कि मुस्लिम महिलाएं घर से बाहर कम निकलतीं हैं, जो निकलती भी हैं वे बुर्के में ही नजर आती हैं। ऐसा होने पर भी वह अपनी सेहत को लेकर संजीदा हैं। ऐसी कई महिलाएं सुबह  की नमाज के बाद स्टेडियम के पास एक मैदान में जुटती हैं। स्पोर्ट्स शूज और बुर्का पहनकर वह जॉगिंग और एक्सरसाइज करती हैं। इसके लिए उन्होंने बाकायदा महिला क्लब (वूमैन क्लब) भी बनाया है।

क्लब की अगुवाई बॉक्सर रहनुमा कर रही हैं। वह महिलाओं को ट्रेनिंग भी दे रही हैं। रहनुमा के अनुसार क्लब की शुरुआत 31 जुलाई को चार मुस्लिम महिलाओं के साथ की गई थी अब यह संख्या 40 के पार हो गई है। इसमें 11 साल के बच्चों से लेकर 60 साल तक की  महिलाएं शामिल हैं।

इसमें शामिल होने के लिए सदस्यता शुल्क नहीं रखा गया है। सुबह की कसरत की शुरुआत वार्मअप के लिए जॉगिंग से होती है। फिर योगासन होता है। इसमें सूर्य नमस्कार, ज्ञान मुद्रा, कपालभाति शामिल है। क्लब में  शबनम, आशिका, शमरीन, अर्शी अंसारी, मंतशा, खुशबू, रूबी, सहाना, उजमा शामिल हैं।

अर्शी का कहना है कि यह शानदार पहल है। इससे हमारा शरीर स्वस्थ्य रहता है। स्फूर्ति भी मिलती है। हम तो यहां रोज आना चाहेंगे। वहीं, तय्यबा कहती हैं कि हर रोज एक्सरसाइज करने से घरेलू कामकाज में थकान का अनुभव नहीं होता। सेहत भी तंदुरुस्त रहती है। अन्य महिलाओं को भी यहां नियमित रूप से आना चाहिए। वूमैन क्लब की कोच रहनुमा ने कहा कि मैं चाहती हूं कि हमारे समाज की महिलाएं आगे आएं। एक्सरसाइज करने में पीछे न रहें क्योंकि एक्सरसाइज करने से खुद को फिट रखा जा सकता है।

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