नैनीताल। हाईकोर्ट ने हरिद्वार में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व विधायक मदन कौशिक की विधायक निधि से पुस्तकालय बनाने में गड़बड़ी को लेकर जनहित याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से मामले में प्रतिशपथ पत्र पेश करने के निर्देश दिए हैं। अगली सुनवाई 29 जुलाई को होगी। इस दौरान नगर निगम और जिलाधिकारी की ओर से दाखिल जवाब में कहा गया है कि अब तक पुस्तकालय का ना संचालन शुरू हुआ है, ना ही किसी संस्था को हस्तांतरित हुए हैं।
बुधवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में हरिद्वार निवासी सच्चिदानंद डबराल को जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान सरकार की ओर से जवाब पेश कर कहा गया है कि याचिका राजनीति से प्रेरित है और जिस मामले का निस्तारण हो चुका है, उसे बेवजह फिर लाया जा रहा है। याचिका में गड़बड़ी के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिए।
याचिका में कहा गया था कि हरिद्वार विधायक रहते हुए मदन कौशिक ने साल 2010 में अपनी विधायक निधि से 16 पुस्तकालयों के निर्माण के लिए डेढ़ करोड़ रुपए जारी किए पर आज तक पुस्तकालय नहीं बनाए गए जबकि डेढ़ करोड़ रुपए का भुगतान जारी दिया गया। जिन स्थानों पर पुस्तकालय होने दर्शया गया है वहां पर बारातघर, निजी आवास, धर्मशालाएं आदि हैं।
इस मामले में कार्यदायी संस्था ग्रामीण अभियंत्रण सेवा रही। आरईएस के तत्कालीन इंजीनियर ने बिना अस्तित्व में आए ही इन पुस्तकालयों का निरीक्षण किया और तत्कालीन सीडीओ ने डेढ़ करोड़ रुपए का पूरा भुगतान जारी कर दिया। मामले को भ्रष्टाचार का बड़ा मामला बताते हुए याचिकाकर्ता ने मामले में सीबीआई जांच की मांग की थी।