हल्द्वानी। राज्य के एकमात्र सरकारी डिग्री काॅलेज में बेहद कम फीस में बीकाम आनर्स की पढ़ाई की उम्मीदों को तगड़ा झटका लगा है। इंदिरा प्रियदर्शिनी राजकीय स्नातकोत्तर महिला वाणिज्य महाविद्यालय हल्द्वानी में संचालित बीकाम आनर्स की अस्थायी संबद्धता मिलने पर आपत्ति लग गई है। ऐसे में इस बार आनर्स में दाखिला मिलेगा या नहीं, इस पर संशय बरकरार है।
कुमाऊं विवि की टीम ने महिला कालेज में बीकाम आनर्स समेत स्नातक व स्नातकोत्तर में संचालित होने वाले कई विषयों की अस्थायी संबद्धता के लिए पैनल किया था। जिसकी रिपोर्ट विवि के रजिस्ट्रार को सौंपी गई। कालेज से मिली जानकारी के अनुसार रिपोर्ट में आनर्स की संबद्धता के एक बिंदु पर आपत्ति लगी है।
पैनल टीम ने रिपोर्ट में बताया है कि दो विषय विशेषज्ञ समेत न्यूनतम पांच पद आनर्स में स्वीकृत होने जरूरी हैं, लेकिन महिला कालेज में आनर्स में केवल दो ही पद सृजित हैं जिनमें भी स्थायी फैकल्टी नहीं है। ऐसे में जब तक कालेज प्रशासन शासन से पद स्वीकृत कराकर उसमें नियुक्ति नहीं करा लेता, तब तक इस पाठ्यक्रम को संचालित करने का कोई औचित्य नहीं है।
डा. फकीर सिंह, पाठ्यक्रम समन्वयक ने बताया कि अस्थायी संबद्धता पर आपत्ति लगने की जानकारी मिली है। फिलहाल इस पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए छात्राओं के आवेदन जमा किए जा रहे हैं। दाखिले को लेकर जल्द ही निर्णय लिया जाएगा। प्राचार्य डा. शशि पुरोहित का कहना है कि बीकाम आनर्स की अस्थायी संबद्धता के एक बिंदु पर आपत्ति लगी है। आपत्ति को दूर कर जल्द ही विवि को अवगत कराया जाएगा।
पांच साल पहले हुआ था शुरू
महिला कालेज में 2015-16 में बीकाम आनर्स अस्थायी तौर पर शुरू किया गया था। तीन साल के पाठ्यक्रम के लिए प्रति वर्ष 60 सीटें निर्धारित हैं। बीकाम आनर्स की पढ़ाई कराने वाला एकमात्र कालेज होने के कारण यहां हर साल कुमाऊं-गढ़वाल से बड़ी संख्या में छात्राएं दाखिला लेने आती हैं। विवि द्वारा समय-समय पर कालेजों में संचालित पाठ्यक्रमों का पैनल कराया जाता है, जिसके बाद ही अस्थायी या स्थायी संबद्धता दी जाती है। संबद्धता न मिलने पर पाठ्यक्रम की मान्यता खतरे में पड़ सकती है।