महिला न्यायिक अधिकारी को मैसेज व फोन करने पर हाईकोर्ट गंभीर

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हाईकोर्ट ने लक्सर बार एसोसिएशन के सचिव नवनीत तोमर की ओर से महिला न्यायिक अधिकारी को बार-बार मैसेज और फोन करने के मामले को गंभीरता से लेते इस मामले पर स्वत: संज्ञान लिया है। कोर्ट ने उनके खिलाफ आपराधिक अवमानना की याचिका पर सुनवाई करते अगली सुनवाई के लिए 28 जुलाई की तिथि नियत की है कोर्ट ने उनसे खुद या अधिवक्ता के माध्यम से अपना पक्ष रखने को कहा है। पूर्व तिथि में कोर्ट ने कारण बताओ नोटिस जारी कर कहा था कि क्यों न आपके खिलाफ अवमानना याचिका की धारा 12 के तहत कार्रवाई की जाए। एकलपीठ तोमर के खिलाफ दर्ज एफआईआर निरस्त करने व उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाने को लेकर दायर याचिका को पूर्व में ही खारिज कर चुकी है।
मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। फैमिली जज लक्सर ने 10 जून को लक्सर थाने में रिपोर्ट लिखाई थी कि नवनीत तोमर उन्हें बार बार फोन व मैसेज कर रहे रहे हैं। नंबर ब्लॉक करने पर वह दूसरे नंबरों से फोन कर रहे हैं। तोमर ने उनके साथ एक समारोह में फोटो खींची, जिन्हें उन्होंने प्रिंट कराकर बुके व गिफ्ट के साथ उनके घर भेजने की कोशिश की। वह एक दिन घर भी आ गए जहां उनके पति ने उन्हें रोका। स्टाफ के रोके जाने के बावजूद वह कोर्ट परिसर स्थित चेंबर में आ रहे हैं। जिसके बाद पुलिस ने आरोपी अधिवक्ता नवनीत तोमर के खिलाफ आईपीसी की धारा 354ए, 354 बी, 353, 452, 506, 509 के तहत मुकदमा दर्ज किया। पूर्व में एकलपीठ के समक्ष दायर याचिका में तोमर ने कहा था कि वह बार एसोसिएशन के सचिव हैं और इसी हैसियत से उन्होंने फैमिली कोर्ट की जज को फोटोग्राफ व बुके देने का प्रयास किया था। वे उनके चेंबर व घर मिलने गए थे और इसलिए उन्होंने फोन व मैसेज किए थे। हाईकोर्ट ने उनके व्हाट्सएप मैसेजों का स्वत: संज्ञान लेकर उनके खिलाफ आपराधिक अवमानना की याचिका दायर की है। पूर्व में उत्तराखंड बार काउंसिल ने भी तोमर को वकालत के पेशे से निलंबित कर दिया था।

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