मुख्य सचिव के खिलाफ एक ही मामले में 17 अवमानना याचिकाएं दायर

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हाइकोर्ट ने मंगलवार को वन विकास निगम से सेवानिवृत्त कर्मचारियों से रिकवरी किए जाने के खिलाफ दायर अवमानना याचिकाओं पर सुनवाई की। इस एक ही मामले में 17 लोगों की ओर से प्रदेश के मुख्य सचिव एवं अन्य के खिलाफ अवमानना की याचिकाएं दायर की गई हैं। इस मामले में न्यायालय ने अगली सुनवाई के लिए 17 अप्रैल की तिथि नियत की है। मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने याचिकाकर्ता से अवमानना की कॉपी निगम के अधिवक्ता को रिसीव कराने को कहा है। सुनवाई न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में हुई।

रमेश चंद्र खर्कवाल समेत 17 अन्य लोगों की ओर से मुख्य सचिव ओमप्रकाश एवं अन्य के खिलाफ हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की गई है। इसमें कहा है कि कोर्ट ने बीते वर्ष 29 अगस्त 2020 को उनके रिकवरी आदेश पर रोक लगाई थी। कहा था कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों से रिकवरी नहीं की जा सकती है। याचिकाकर्ताओं ने रिकवरी आदेश को निरस्त करने की मांग को लेकर याचिकाएं दायर की थीं। जिसमें सुप्रीम कोर्ट के रफीक वॉशरमैन बनाम केंद्र सरकार का हवाला दिया गया था।

इसमें कहा है कि विभाग सेवानिवृत्त कर्मचारियों से रिकवरी करने का आदेश नहीं दे सकता है। याचिकर्ताओं का कहना है कि वे वन विकास निगम उत्तर प्रदेश के सेवानिवृत्त कर्मचारी हैं। राज्य पुनर्गठन अधिनियम की धारा 73 एवं 74 के अधीन यह प्रावधान है कि अगर रिकवरी की जाती है, तो इसके लिए केंद्र सरकार की अनुमति लेनी आवश्यक है। स्वयं राज्य रिकवरी का आदेश पारित नहीं कर सकता है। इसलिए उनके खिलाफ जारी रिकवरी आदेश को निरस्त किया जाय।

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