हल्द्वानी: उसका हौसला उड़ान भरने का है, लेकिन सामने मुफलिसी राह रोके खड़ी है। शासन और व्यवस्था की उपेक्षा ने उसे चित कर दिया है। अपेक्षित सहयोग नहीं मिलने के कारण प्रतिभावान जु जित्सु की अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी की एशियन प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने की राह रुक रही है।
हल्द्वानी के जज फार्म निवासी नव्या पांडे किसी परिचय की मोहताज नहीं है। राज्य में वर्ष 2017 से शुरू हुई जु जित्सु प्रतियोगिता में उसने हिस्सा लेना शुरू किया। गोल्ड मेडल जीतने के बाद उसने फिर मुड़कर नहीं देखा। वर्ष 2017 में दिल्ली में हुए राष्ट्रीय जु जित्सु में उसने दो गोल्ड मेडल, 2018 में केरल में एक गोल्ड मेडल व वर्ष 2019 में चेन्नई में दो गोल्ड मेडल जीतकर राज्य का नाम रोशन किया।
2017 में तुर्कमेनिस्तान में इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन और खेल मंत्रालय के बैनर तले एशियाई इनडोर और मार्शल आर्ट गेम्स में चौथी रैंक हासिल की। इस प्रतियोगिता में 62 देश शामिल हुए थे। वर्ष 2019 में चेन्नई में हुई दक्षिण एशियाई चैंपियशिप में नव्या ने फिर गोल्ड मेडल, वर्ष 2019 में थाईलैंड ओपन ग्रैंड प्रिक्स वल्र्ड रैंकिंग टूर्नामेंट में कांस्य पदक और 2020 में यूरोप में हुई विश्व युगल ई-टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक अर्जित किया।
नव्या ने बताया कि वह देश के लिए अंतरराष्ट्रीय फलक पर छाना चाहती हैं। टोक्यो ओलिंपिक में देश के लिए गोल्ड व अन्य मेडल लाने वाले खिलाडिय़ों को देखकर उसका हौसला कई गुना बढ़ा है। उसका कहना है कि 13 से 16 सितंबर तक दुबई में जु जित्सु की एशियन चैंपियनशिप होनी है। 10 सितंबर को उसे अपने सहयोगी खिलाड़ी के साथ जाना है। यह प्रतियोगिता इसलिए जरूरी है कि एशियन चैंपियनशिप एशियाई इनडोर और मार्शल आर्ट गेम्स के लिए उसका रास्ता साफ होगा। इसके लिए आर्थिक मदद की जरूरत है।
सीएम से लगा चुकी है गुहार
प्रतिभावान खिलाड़ी नव्या और उसका जोड़ीदार खिलाड़ी कमल सिंह आर्थिक मदद के सीएम पुष्कर सिंह धामी से गुहार लगा चुके हैं। नव्या का कहना है कि वह कई जनप्रतिनिधियों के पास भी मदद के लिए गईं । नव्या महिला कॉलेज में एमए अंग्रेजी की छात्रा है। उसका कहना है कि प्राचार्य की ओर से 30 हजार रुपये की मदद की जा चुकी है। इस धनराशि से केवल फ्लाइट का टिकट बुक हो सकता है।