नैनीताल। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि विलेज टूरिज्म पालिसी पर काम करने से पहाड़ और उत्तराखंड का किसान बचेगा। पहाड़ पर किसानों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उन्हें बहुत दिक्कतें हैं। फसल की एमएसपी तक नहीं मिल पाती। खासकर सब्जी, फल और मोटे अनाज का उचित दाम नहीं मिलता। यही वजह है कि पहाड़ों से लगातार पलायन हो रहा है।
हमने 7-8 साल पहले सरकार को पालिसी बना कर दी थी। विलेज टूरिज्म पर आधारित यह पालिसी पहाड़ और पहाड़ के किसानों को बचाने में अहम भूमिका अदा कर सकती है। उत्तराखंड में बड़े-बड़े होटल बने हुए हैं, लेकिन इन होटलों से किसान और गांव के लोगों को कोई फायदा नहीं मिलता। टूरिज्म को गांव की ओर मोड़ना होगा ताकि वहां रहने वाले किसान और ग्रामीणों को लाभ हो सके। उन्होंने कहा कि हिल एलाउंस की व्यवस्था की जानी चाहिए जिसका लाभ सभी को मिले। आजकल जंगली जानवर किसानों की फसलें उजाड़ देते हैं। पहाड़ का किसान लंबे समय से इस परेशानी से जूझ रहा है। शिकायतें करता है लेकिन कार्रवाई नहीं होती।
सरकार की जिम्मेदारी है कि वह किसानों को जंगली जानवरों के आतंक से मुक्ति दिलाए। ताकि पहाड़ पर खेती किसानी बचाई जा सके। सरकार खेत से मंडी तक ट्रांसपोर्ट सब्सिडी की व्यवस्था करे। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में भारी संख्या में किसान ऐसे हैं जो 50-100 साल से जमीनें जोतते-बोते आ रहे हैं। इसके बाद भी जमीनें सोसाइटी के नाम चल रही हैं। ऐसी जमीनों को किसानों के नाम पर किया जाना चाहिए। अगर कोई किसान 12 साल से किसी जमीन को जोत रहा है तो उस जमीन को उसके नाम कर दिया जाना चाहिए।